लाल किले से गूंजा विक्रमादित्य का यशगान: नई दिल्ली के लाल किले के मैदान में आयोजित हो रहा तीन दिवसीय ‘सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य’, प्रधानमंत्री मोदी ने भी की मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल की सराहना

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के मैदान में आयोजित हो रहे तीन दिवसीय ‘सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य’ और इससे जुड़ी प्रदर्शनियों ने देश की सांस्कृतिक चेतना को एक नई ऊँचाई दी है। इस भव्य आयोजन की पहल और संरचना मध्यप्रदेश के ऊर्जावान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में की गई है, जिसकी सराहना स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपने प्रेरणादायक संदेश के माध्यम से की है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत के आत्मबोध और ऐतिहासिक मूल्यों का पुनरुत्थान है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में सम्राट विक्रमादित्य को न्यायप्रियता, सुशासन और सांस्कृतिक उत्थान का प्रतीक बताते हुए कहा कि उन्होंने साहित्य, कला, विज्ञान और लोककल्याण को जिस दिशा में आगे बढ़ाया, वह आज भी हमारे लिए एक आदर्श मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा कि ‘विक्रम संवत’ जैसी कालगणना प्रणाली न केवल हमारे इतिहास की पहचान है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक गौरव की जीवित मिसाल भी है।

यह आयोजन विशेष रूप से युवाओं को भारत के स्वर्णिम अतीत से जोड़ने और उनमें राष्ट्र निर्माण के लिए आत्मविश्वास जगाने का माध्यम बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि “इस अमृतकाल में जब देश एक विकसित भारत की ओर तेजी से अग्रसर है, तब हमें अपनी विरासत और आधुनिकता को एक साथ लेकर चलना होगा।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम के सभी आयोजकों और इसमें भाग लेने वाले कलाकारों को शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि यह भव्य नाट्य आयोजन देश की संस्कृति को और सशक्त बनाएगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत सिद्ध होगा।

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