उज्जैन में महाशिवरात्रि से प्रारंभ होगा विक्रमोत्सव 2025, 30 मार्च तक चलेगा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समय से पहले तैयारियां पूरी करने के दिए निर्देश, कहा – सभी विभाग समन्वय से काम करें

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन, जो भगवान महाकाल की भूमि है और राजा विक्रमादित्य की नगरी के नाम से प्रसिद्ध है, इस बार एक विशेष और ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने जा रही है। बता दें, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में यहाँ महाशिवरात्रि से “विक्रमोत्सव 2025” प्रारंभ होने वाला है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में महाशिवरात्रि से शुरू होने वाले विक्रमोत्सव-2025 की जानकारी साझा करते हुए इस अद्वितीय महोत्सव के बारे में महत्वपूर्ण विवरण दिए। यह महोत्सव 26 फरवरी से शुरू होकर 30 मार्च तक चलेगा और सम्राट विक्रमादित्य के युग, भारतीय उत्कर्ष, नवजागरण, और भारतीय विद्या पर केंद्रित रहेगा।
बता दें, विक्रमोत्सव की शानदार शुरुआत महाशिवरात्रि के खास मौके पर होगी। पूरे प्रदेश में महाशिवरात्रि के मेलों का आयोजन किया जाएगा। उज्जैन में होने वाले उद्घाटन समारोह में विंटेज कारें, स्पोर्ट्स बाइक और जनजातीय कलाकारों की अद्भुत प्रस्तुतियां होंगी, साथ ही कलश यात्रा भी निकाली जाएगी। इस मौके पर 84 महादेव की विशेष प्रदर्शनी भी देखने को मिलेगी। प्राचीन भारतीय काल गणना पर आधारित “वैदिक घड़ी ऐप” का उद्घाटन किया जाएगा। कार्यक्रम में सिंहस्थ-2028 की योजना भी बनाई जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम में ताल वादक आनंदम शिवमणि और लोक गायक हंसराज रघुवंशी अपनी आवाज का जादू बिखेरेंगे। विक्रम व्यापार मेला में वस्त्रोद्योग, हथकरघा और उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगेगी। इसके अलावा, जनजातीय शिल्प, पारंपरिक व्यंजन और जनजातीय चिकित्सा शिविर भी आयोजित किए जाएंगे।
विक्रमोत्सव का आयोजन साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों, ज्योतिर्विज्ञान, विचार गोष्ठियों, इतिहास और विज्ञान समागम, और विक्रम व्यापार मेला के माध्यम से भारतीय संस्कृति और विरासत को मान्यता देगा। इसके अलावा पारंपरिक हस्तशिल्प, वस्त्रोद्योग, हथकरघा उपकरणों की प्रदर्शनी, और पौराणिक फिल्मों का महोत्सव इस आयोजन की विशेषता होगी। इस महोत्सव में श्री कृष्ण पर आधारित फिल्मों का भी प्रदर्शन होगा, जो दर्शकों को भारतीय संस्कृति के अद्भुत पहलुओं से परिचित कराएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आयोजन के लिए सभी विभागों को समन्वय से काम करने और समय से पहले सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि महाशिवरात्रि पर आने वाले श्रद्धालुओं को कोई कष्ट न हो और पर्व की व्यवस्थाएं सही ढंग से चलें। कार्यक्रम में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, शोधपरक पुस्तकों और ग्रंथों का लोकार्पण, और विक्रम पंचांग का प्रकाशन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विक्रमोत्सव में विक्रमादित्य के बहुआयामी व्यक्तित्व पर केंद्रित विभिन्न प्रदर्शनी और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा, देवी अहिल्याबाई जैसे विषयों पर भी ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने प्रदेश की भीली, गोंडी जैसी जनजातीय बोलियों के कवियों को भी कवि सम्मेलन में भाग लेने का अवसर देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने विक्रमोत्सव के दौरान राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है। इसमें ड्रोन और रोबोटिक्स जैसे उच्च तकनीकी शो भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, महाकौशल, बुंदेलखंड और बघेलखंड क्षेत्रों में भी विज्ञान सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें इसरो और अन्य प्रमुख विज्ञान संस्थानों के वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विक्रमोत्सव के माध्यम से सम्राट विक्रमादित्य के जीवन और उनके सामर्थ्य, सुशासन और ज्ञान पर आधारित प्रदर्शनी और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रदेश के विभिन्न शहरों और प्रमुख नगरों में महानाट्य प्रस्तुतियां की जाएंगी, ताकि विक्रमादित्य के जीवन और कार्यों को जन-जन तक पहुँचाया जा सके।
विक्रमोत्सव-2025 न केवल मध्य प्रदेश के सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा देगा, बल्कि सम्राट विक्रमादित्य की महान धरोहर को भी समर्पित करेगा, और देश भर में भारतीय संस्कृति, विज्ञान और ज्ञान परंपरा का प्रचार करेगा।