सावन में बारिश की कमी से उज्जैन में पानी की कमी, नगर निगम ने नर्मदा पाइपलाइन जोड़ने का काम शुरू किया; मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी जल संकट पर तत्काल समाधान के निर्देश दिए!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन में पेयजल संकट की स्थिति गंभीर होती जा रही है, जिससे स्थानीय जनता के लिए जल आपूर्ति एक बड़ी चुनौती बन गई है। सावन महीने में बारिश की कमी ने शहर की जल आवश्यकताओं को और भी कठिन बना दिया है। बरसात के लगातार थम जाने से नर्मदा नदी का जलस्तर गिर गया है, जिससे उज्जैन शहर के आठ लाख से अधिक निवासियों को पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है। इस संकट से निपटने के लिए नगर निगम ने नर्मदा नदी से पाइपलाइन जोड़कर जल आपूर्ति को सुचारू करने की तैयारी शुरू कर दी है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी नर्मदा जल संकट को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है। इसी क्रम में रविवार को हल्की बूंदाबांदी हुई, जिससे थोड़ी राहत मिली, लेकिन यह स्थिति स्थाई समाधान नहीं है। यदि आगे बारिश नहीं होती है तो उज्जैन शहर को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

नगर निगम की ओर से चौराहा स्थित नर्मदा की लाइन को गंभीर जल स्रोत से जोड़ने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसके तहत पीएचई विभाग ने नर्मदा के पानी को शहर तक पहुंचाने के लिए पाइपलाइन डालने का काम शुरू कर दिया है। इस काम में लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है। नर्मदा पाइपलाइन और गंभीर पाइपलाइन के बीच की दूरी करीब 100 से 150 मीटर है। नर्मदा पाइपलाइन में 1000 एमएम और गंभीर पाइपलाइन में 800 एमएम की लाइन टेरींग का कार्य भी पूरा हो चुका है। पाइपलाइन के सफलतापूर्वक जोड़ने के बाद नर्मदा से उज्जैन में पेयजल की नियमित आपूर्ति शुरू हो सकेगी।

नगर निगम के महापौर मुकेश टेटवाल और एमआईसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी ने इस प्रक्रिया का निरीक्षण किया और बताया कि भूखी माता क्षेत्र स्थित उज्जड़वाड़ा से लेकर नर्मदा की लाइन जोड़ने का कार्य गंभीर और नर्मदा पाइपलाइन के बीच उरदखेडा मार्ग पर किया जा रहा है। यहां से दोनों जल स्रोतों को जोड़कर जल संकट से निपटने के प्रयास किए जा रहे हैं।

जल संकट की गंभीरता को देखते हुए, नगर निगम ने टैंकर चलाने की भी योजना बनाई है ताकि अस्थायी तौर पर लोगों को पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। टैंकर सेवा से शहर के कई वार्डों में जलापूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। हालांकि, यह उपाय केवल अस्थायी राहत प्रदान करेगा, मूल समस्या का समाधान बारिश और जल स्रोतों की स्थिति पर निर्भर करेगा।

जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इस संकट को लेकर जागरूकता बढ़ाई है और निवासियों को सूचित किया है कि जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दें। साथ ही, जल संकट से निपटने के लिए सभी संबंधित विभाग मिलकर काम कर रहे हैं ताकि उज्जैन के लोगों को जल आपूर्ति में कोई बाधा न आए।

इस बार सावन में पर्याप्त बारिश न होने के कारण, नर्मदा और गंभीर नदियों में जल का स्तर लगातार घट रहा है, जिससे जल संकट और गहरा हो रहा है। स्थानीय प्रशासन की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बावजूद, इस संकट की गंभीरता को समझते हुए बेहतर और त्वरित समाधान की आवश्यकता है। यदि जल्द ही बारिश नहीं होती है, तो उज्जैन सहित आसपास के क्षेत्रों में पेयजल संकट और भी गंभीर रूप ले सकता है, जिससे लोगों को दिनचर्या में भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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