महाकाल मंदिर प्रशासनिक नियंत्रण से बाहर, बाबा के सामने कट गया केक

उज्जैन | महाकाल मंदिर अब जन्मदिन पर केक काटने का स्थान भी हो गया। दो दिन पहले एक श्रद्धालु ने मंदिर के नंदीगृह में ही अपना जन्मदिन नंदीगृह में केक काट कर मना लिया। सभी व्यवस्थाएं चरमरा चुकी है। मंदिर में राजनीतिक दल के झंडे के साथ नंदी को छर्रें भेंट हो रहे हैं तो नंदीगृह में केक काट कर जन्मदिन मनाया जा रहा है। वीआइपी/प्रोटोकॉल प्रवेश की अनुमति पर अधिकारी के स्थान पर सेवक द्वारा हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर महाकाल मंदिर में प्रशासनिक नियंत्रण नहीं होने से मनमानी का आलम है।

यह वाक्या दो दिन पहले का है। मंदिर में नियमित तौर पर दर्शन के लिए आने वाली एक श्रद्धालु ने नंदीगृह में केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया । इस दौरान ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी, सेवक और पुलिस कर्मियों ने भी सहभागिता की।

अधिकारियों का दबाव-प्रभाव नहीं

महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों का सेटअप तय है। मंदिर समिति में प्रशासक का दायित्व प्रशासनिक अधिकारी के पास होने के साथ ही राजस्व विभाग के अधिकारियों की पदस्थापना का प्रावधान है तो सेवा निवृत्त अधिकारी की सेवाएं भी सहायक प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर ली जाती हैं। इन दिनों यह सेटअप गड़बड़ा गया है। दरअसल महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक अवधेश शर्मा के पास स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीइओ की जिम्मेदारी है।

व्यस्तता के कारण वे मंदिर में पूरा समय नहीं दे पाते हैं। सहायक प्रशासक सतीश व्यास का अधिक प्रभाव-दबाव नहीं है। उप प्रशासक का मंदिर से मूल विभाग में तबादला किया जा चुका है। इसके बाद तीन सहायक प्रशासनिक अधिकारी दिलीप गरुड़, एसपी दीक्षित और आरके तिवारी के भरोसे व्यवस्था है। इनका मंदिर पर अधिक दबाव-प्रभाव नहीं है। गरुड़ धर्मशाला, अन्नक्षेत्र के साथ अन्य कार्य देख रहे हैं तो दीक्षित सत्कार-भस्म आरती में अधिक व्यस्त रहते हैं। आरके तिवारी को मंदिर में पदस्थ हुए हुए ६ माह से अधिक का समय हो गया है लेकिन वे अब तक मंदिर की व्यवस्था को समझ नहीं पाएं है। एेसे में मंदिर की सारी व्यवस्था महाकाल के भरोसे चल रहीं है। एेसी स्थिति में मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

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