शिप्रा में एक बूंद भी नहीं मिलने देंगे गंदा पानी : संभागायुक्त एमबी ओझा

उज्जैन | शिप्रा शुद्धिकरण अभियान की तैयारियों को लेकर गुरुवार को सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें संभागायुक्त ने कहा कि शिप्रा शुद्धिकरण जन भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही अक्षम्य है। सभी सम्बन्धित अधिकारी शिप्रा तट पर स्वयं जाकर सर्वेक्षण करें तथा शुद्धिकरण कार्य को अंजाम दें। कलेक्टर ने कहा कि शिप्रा शुद्धिकरण शासकीय ही नहीं नैतिक-सामाजिक कर्तव्य भी है। शहर को साफ रखना है तो कचरा पेटियां को हटवाया जाए।

शिप्रा शुद्धिकरण अभियान की तैयारियों की बैठक में अभियान की कार्ययोजना कि समीक्षा करते हुए संभागायुक्त एमबी ओझा ने कहा कि अब हमने ठान लिया है, शिप्रा को पूर्ण स्वच्छ करना है। इसमें एक बूंद भी गन्दा पानी नहीं मिलेगा। शिप्रा को मैला भी नहीं करने देंगे। उज्जैन कलेक्टर मनीष सिंह इन्दौर को देश में नम्बर 1 स्वच्छ शहर बनाकर आए हैं, अब इनके साथ शिप्रा को पूर्ण स्वच्छ करने का दायित्व पूरा किया जाएगा। शिप्रा शुद्धिकरण जन भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है।

संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि शिप्रा किनारे घाटों पर जहां-जहां लोग स्नान करते हैं वहां एयरीफिकेशन के लिए फव्वारे लगाए जाएं। बिजली की सुविधा न हो तो जनरेटर लगाएं। यह कार्य तत्काल कर लिया जाएं। इसी के साथ रामवासा में स्टॉपडैम की मरम्मत के निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जहां- जहां नगर निगम द्वारा कचरा पेटियां रखी गई हैं, उन्हें हटवाया जाए। कचरा पेटियों के आसपास गंदगी इकट्ठी होती है। कचरे का संग्रहण वाहनों के द्वारा घर-घर से होगा। इसके लिए वाहनों की संख्या बढ़ाएं। नगर में शत-प्रतिशत कचरा संग्रहण कचरा संग्रहण वाहनों से होना चाहिए। उन्होंने सीवरेज कार्य को समय सीमा में पूर्ण किए जाने, सॉलिड वेस्ट के समुचित प्रबंधन एवं मुक्तिधाम संबंधी कार्य को शीघ्र पूर्ण किए जाने के निर्देश भी दिए। बैठक में अपर कलेक्टर बीबीएस तोमर, संयुक्त आयुक्त प्रतीक सोनवलकर सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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