महाकाल में अधिकारी के इशारे पर ही वीआईपी एंट्री

उज्जैन। भले ही कलेक्टर मनीष सिंह ने महाकाल मंदिर में अनाधिकृत प्रवेश और वीआईपी द्वार का उपयोग करने वालों पर नजर रखने के लिये चार नायब तहसीलदारों को जवाबदारी सौंप दी हो, लेकिन अधिकारियों के इशारे पर बिना रसीद के भी लोग इसी वीआईपी द्वार से प्रवेश कर रहे हैं।
पंडों के यजमान भी वीआईपी मार्ग से बेधड़क जा रहे हैं, सिर्फ बदलाव यह है 10 यजमानों में से 3 या 4 के 250 रुपये वाले टिकट लिये जा रहे हैं। व्यवस्थाओं में कसावट के लिये कलेक्टर का दौरा भी हो रहा है लेकिन रौब झाड़कर अधिकारियों के इशारों पर प्रवेश करने वालों पर रोक नहीं लग पाई है। यहां तक कि मंडल स्तर के नेता भी अधिकारियों को रौब दिखाकर वीआईपी रसीद लेकर नंदीगृह पहुंच रहे हैं।

कतार में तीन घंटे इंतजार
मंगलवार को भीड़ सामान्य थी बावजूद इसके सामान्य कतार में दर्शन करने वालों को तीन घंटे लग रहे थे। उड़ीसा से आये जयवर्धन पटनायक, सुनील उड्डीयान ने बताया कि वह दोपहर दो बजे से सामान्य कतार में फैसीलिटी सेंटर मार्ग से दर्शन के लिये कतार में लगे थे किंतु उन्हें पांच बजे गर्भगृह में दर्शन के लिये प्रवेश मिला।

इनका है कहना
व्यवस्थाओं में सुधार के लिये प्रयास किये जा रहे हैं, वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में लगातार सुधार कार्य जारी है। बेहतर व्यवस्थाओं के लिये इंतजाम किये जा रहे हैं।
अनिल जूनवाल, नायब तहसीलदार एवं प्रोटोकाल अधिकारी

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