गुरुनानक अस्पताल : मांगे 80 हजार रुपए, 42 हजार चुकाने पर 3 घंटे बाद दिया बहू का शव…

उज्जैन। डॉक्टर साहब, हमारे पास जो था, सब दे दिया, अब जो मर गई है, उसकी बॉडी तो दे दो। हमें हमारी मरी बहू का मुंह देखने तो दो, हम अपना सबकुछ बेचकर आपकी फीस जमा कर देंगे। जहां तीन लोग मरे हैं उन्हीं के साथ चौथी का भी अंतिम संस्कार हो जाएगा……ये रूदन गुरूनानक हास्पिटल में गूंजता रहा लेकिन पत्थर दिल निजी अस्पताल (फ्रीगंज का गुरूनानक हॉस्पिटल) के स्टॉफ का दिल नहीं पसीजा…डेड बॉडी दोपहर से लेकर पूरी रात हॉस्पिटल में पड़ी रही, लेकिन किसी भी डॉक्टर ने परिजन को मुंह भी नहीं देखने दिया।

यह है कोर्ट की गाइडलाइन
इसी वर्ष उच्च न्यायालय ने निर्देश दिये हैं कि किसी भी मरीज की निजी अस्पताल में मृत्यु होने पर उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों के सुपुर्द किये जाने से अस्पताल प्रशासन नहीं रोक सकता।

कोर्ट ने संबंधित थाना को इस मामले में तत्काल कार्रवाई के निर्देश भी दिये हैं कि ऐसे अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई भी हो। ऐसी शिकायत पर अस्पताल का लायसेंस भी निरस्त किया जाए लेकिन उज्जैन में आए दिन ऐसी घटनाए हो रही हैं। प्रशासन इसे रोकने में अक्षम साबित हो रहा है। लोगों की मांग है कि अस्पतालों के बाहर जिला प्रशासन ऐसे निर्देश चस्पा करे।

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