- सिंहस्थ 2028 को लेकर बड़ी बैठक — संभागायुक्त आशीष सिंह बोले: “गुणवत्ता और सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा”; शिप्रा और कान्ह नदी पर ₹778 करोड़ से बनेंगे आधुनिक घाट, श्रद्धालुओं को मिलेगी नई सुविधाएं!
- मावठे के बाद ठंडी हवाओं ने बढ़ाई सर्दी — उज्जैन में वूलन मार्केट में लौटी रौनक, सुबह-शाम बढ़ी रफ्तार!
- महाकाल के दरबार में शुक्रवार तड़के दिव्य भस्म आरती — पंचामृत से हुआ अभिषेक, रजत चंद्र और मुण्डमाला से सजा भगवान का स्वरूप
- श्री महाकालेश्वर मंदिर में अलौकिक गणेश रूप में सजे बाबा महाकाल — पंचामृत अभिषेक, कपूर आरती और रजत श्रृंगार ने मोहा भक्तों का मन
- भस्मारती के बीच गूंजा “जय श्री महाकाल” — राजा स्वरूप में हुए भगवान महाकाल के दिव्य दर्शन, चांदी के पट खुलते ही उमड़ी भक्तों की भीड़
उज्जैन:इस वर्ष नहीं होगा कालिदास समारोह…!
उज्जैन।हर वर्ष होने वाला अभा कालिदास समारोह इस वर्ष कोरोना की भेंट चढ़ जाएगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि इस समारोह के आयोजन का स्वरूप बदलने के प्रति भी भोपाल में बैठे संस्कृति विभाग के आला अफसरों ने कोई रूचि अभी तक नहीं दिखाई है।हर वर्ष कालिदास समारोह के आयोजन हेतु अगस्त माह तक स्थानीय समिति का गठन होकर, बैठक हो चुकी रहती है। इस बैठक में संस्कृति विभाग के आला अफसर आते थे और स्थानीय समिति से आयोजन को लेकर चर्चा करते तथा सुझाव लेते थे।
उस अनुसार आयोजन का स्वरूप तय होता था। इस वर्ष अभी तक न तो स्थानीय समिति गठन हुआ और न ही भोपाल से इस बाबत अकादमी से पत्राचार हुआ। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि कोरोना महामारी के चलते आयोजन निरस्त हो जाएगा। जबकि कला प्रेमियों का मानना है कि यह आयोजन भले ही ऑनलाइन स्वरूप में जहां कलाकार है, वहां से प्रस्तुति देकर किया जाए। आयोजन की श्रृंखला को निरस्त नहीं करना चाहिए। यह भी कहना है कि जब देश में सारी गतिविधियां अनलॉक होकर सुचारू होने लगी है, ऐसे में यह आयोजन सामाजिक दूरी रखकर किया जा सकता है। वैसे भी एकल कलाकारों की प्रस्तुतियां मंच से होती ही है। नाटिकाओं का स्वरूप बदला जा सकता है।
वेबीनार का कहा है, आज से होगा प्रारंभ: प्रतिभा दवे
इस संबंध में कालिदास अकादमी की प्रभारी निदेशक प्रतिभा दवे ने बताया कि भोपाल से इस बारे में कोई रूचि नहीं ली गई है और न ही पत्राचार द्वारा कोई सूचना/निर्देश दिए गए हैं। समय-समय पर हमारे द्वारा जानकारी भेजी जाती है। कालिदास समारोह आयोजन को लेकर भी मार्गदर्शन मांगा गया था। वहां से कहा गया कि महाकवि कालिदास द्वारा लिखे गए नाटकों पर वेबीनार का आयोजन करो। इसी कड़ी में आज एक वेबीनार अपरांह साढ़े 3 बजे है, जिसे संस्कृतविद् डॉ.बालकृष्ण शर्मा एवं डॉ. मोहन गुप्त संबोधित करेंगे।