ऐसे हैं शहर में डेवलपमेंट के हाल:छह निर्माण कार्यों में से चार में प्रशासकीय मंजूरी ही नहीं, माॅडल स्कूल प्रोजेक्ट निरस्त

  • एक साल से आरटीओ बिल्डिंग का भी रिवाइज एस्टीमेट स्वीकृत नहीं
  • वर्तमान में भरतपुरी प्रशासनिक क्षेत्र में आरटीओ कार्यालय का संचालन किराये की बिल्डिंग में करना पड़ रहा

किसी प्रोजेक्ट में जमीन नहीं मिली तो किसी में रिवाइज एस्टिमेट ही स्वीकृत नहीं हुआ। जमीन मिल भी गई तो प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिली। ऐसे में अधिकांश निर्माण कार्य अटके हुए हैं। छह में से केवल एक निर्माण कार्य तहसील कार्यालय का शुरू हो पाया है, जो कि एक साल में बनकर तैयार हो जाएगा। आरटीओ बिल्डिंग का निर्माण भी अधूरा पड़ा है। अब तक इसका रिवाइज एस्टीमेट स्वीकृत होकर नहीं आया है। एक साल से परिवहन विभाग में रिवाइज एस्टीमेट पेंडिंग हैं। वर्तमान में भरतपुरी प्रशासनिक क्षेत्र में आरटीओ कार्यालय का संचालन किराये की बिल्डिंग में करना पड़ रहा है।

यहां पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं होने से कार्यालय के संचालन में परेशानी आ रही है। बिल्डिंग में आरटीओ के अलावा सहकारिता विभाग और अन्य कार्यालयों का संचालन हो रहा है। इसके चलते आरटीओ बिल्डिंग का निर्माण सिंहस्थ बायपास के समीप दाउदखेड़ी में किया जा रहा है। इसका रिवाइज एस्टीमेट स्वीकृत नहीं होने से कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। सरकारी बिल्डिंग के निर्माण कार्यों को गति देने और जमीन की उपलब्धता के लिए 10 मार्च 2022 को समीक्षा भी की गई थी, उसके बाद भी स्कूल जैसे प्रोजेक्ट के लिए अब तक जमीन नहीं मिल पाई। ऐसे में यह प्रोजेक्ट निरस्त करना पड़ा। दूसरे प्रोजेक्ट में जमीन उपलब्ध हो गई तो भोपाल से प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिल पाई। ऐसे में उज्जैन में होने वाले स्कूल बिल्डिंग, होस्टल सहित अन्य निर्माण कार्य नहीं हो पा रहे हैं।

ये निर्माण जो अटके पड़े… जमीन उपलब्ध नहीं होने से चार करोड़ रुपए लैप्स हो गए

  • मॉडल स्कूल बिल्डिंग निर्माण के लिए पहले तराना-कानीपुरा में जमीन देखी गई और बाद में उसे निरस्त कर दिया गया। जमीन उपलब्ध नहीं हो पाने की वजह से स्कूल बिल्डिंग के लिए स्वीकृत करीब चार करोड़ रुपए लैप्स हो गए। बाद में शासन ने इस प्रोजेक्ट को ही निरस्त कर दिया।
  • वर्ष 2018 में दाउदखेड़ी में आरटीओ बिल्डिंग का निर्माण शुरू हुआ था, जो कि अब तक पूरा नहीं हो पाया है। पीआईयू ने रिवाइज एस्टीमेट शासन को भेजा, जिसकी स्वीकृति एक साल बाद भी नहीं मिल पाई है। ऐसे में काम बंद पड़ा है। करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी कुछ काम बाकी होने की वजह से बिल्डिंग का उपयोग नहीं हो पा रहा है। परिवहन विभाग से अब तक स्वीकृति नहीं दी जा रही है।
  • संगीत महाविद्यालय के लिए वर्ष-2017 से जमीन उपलब्ध तो हो गई है। इसके लिए पीजीबीटी कैंपस में जमीन का आवंटन हो गया है। एसएफसी होने के बाद भी प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई है। इसके लिए करीब 10 करोड़ रुपए स्वीकृत हैं।
  • 120 सीटर होस्टल का निर्माण किए जाने के लिए जमीन उपलब्ध तो हो गई है लेकिन प्रशासकीय स्वीकृति भोपाल से नहीं आई है। ऐसे में होस्टल के निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं। {कोठी के समीप करीब छह करोड़ की लागत से तहसील कार्यालय बिल्डिंग का निर्माण कार्य अब शुरू हो गया है। एक साल में पूरा हो जाएगा। तहसील कार्यालय दो मंजिला बनाया जाएगा।

जल्द काम शुरू किए जाएंगे

पीआईयू के प्रोजेक्ट के लिए जमीन उपलब्ध हो गई है। प्रशासकीय स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। आरटीओ बिल्डिंग का रिवाइज एस्टीमेट अब तक स्वीकृत नहीं हुआ है।
जतीन चूंडावत, संभागीय परियोजना अधिकारी, पीआईयू

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