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घाटा होने के कारण विक्रम कीर्ति मंदिर का संचालन अब निजी संस्था को देने का प्रस्ताव
कोठी रोड पर स्थित विक्रम कीर्ति मंदिर (ऑडिटोरियम) का संचालन निजी एजेंसी से कराया जा सकता है। इसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ अन्य आयोजनों के लिए किराए पर देने का भी प्रस्ताव है। यह कवायद इसलिए हो रही है ताकि संचालन में हो रहे घाटे को रोका जा सके।
विक्रम कीर्ति मंदिर इस मायने में ऐतिहासिक इमारत है कि इसका निर्माण सम्राट विक्रमादित्य द्वारा प्रचलित विक्रम संवत के 2000 साल पूरे होने पर किया था। विक्रम कीर्ति मंदिर का संचालन शिप्रांजलि न्यास को दिया था। जीर्ण-शीर्ष होने के कारण सिंहस्थ 2016 के विकास कार्यों में इसका जीर्णोद्धार किया गया। विक्रम कीर्ति मंदिर का निर्माण सांस्कृतिक आयोजनों के लिए किया गया था। हालांकि इसे अन्य संस्थागत आयोजनों के लिए भी किराए पर दिया जाता है। इसकी देखरेख ठीक से नहीं हो पाने के कारण 2017 में इसका संचालन महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति को सौंपा था। समिति यहां सफाई, सुरक्षा और संचालन का काम कर रही है। समिति के कर्मचारी और अधिकारी इसकी देखभाल करते हैं। इससे मंदिर समिति पर इसका अतिरिक्त भार है।
उपयोग बढ़ाने के लिए निर्णय लेंगे
कीर्ति मंदिर का एक दिन का किराया 8100 रुपए है। यदि बाहरी परिसर का उपयोग होता है तो 2000 रुपए अतिरिक्त लिया जाता है। 10 रुपए प्रति यूनिट बिजली खर्च अलग लेते है। इसके संचालन से सालाना औसत 8 लाख की आय हो रही है। जबकि समिति को सालाना औसत 25 लाख रुपए खर्च उठाना पड़ रहा है। इस घाटे को देखते प्रस्ताव रखा है। इसे शादी-ब्याह आदि जैसे निजी आयोजनों के लिए भी किराए पर दिया जा सकता है। प्रशासक एमएस रावत ने कहा संचालन निजी एजेंसे कराने का प्रस्ताव रखा गया है। इस पर समिति विचार करेगी।
धर्मशाला भी निजी एजेंसी को देंगे
महाकाल मंदिर की धर्मशाला का संचालन भी निजी एजेंसी को देने पर विचार किया जा रहा है। इसके संचालन में भी मंदिर समिति पर आर्थिक भार आता है। जबकि इससे होने वाली आय कम है। मंदिर समिति मौजूदा धर्मशाला को हटाने के बाद नई धर्मशाला का निर्माण करेगी। यह धर्मशाला जयसिंहपुरा क्षेत्र में मल्टीलेवल पार्किंग के पास बनाना प्रस्तावित है। नई धर्मशाला का संचालन निजी एजेंसी के माध्यम से कराने पर विचार किया जा रहा है। इस तरह का प्रस्ताव भी समिति की बैठक में लाया जाएगा। इससे मंदिर समिति पर जिम्मेदारी कम होगी।