चरक हॉस्पिटल में आठ दिन में 12 बच्चों की मौत, छह मृत नवजातों के परिजनों तक पहुंची पुलिस

सीएमएचओ कार्यालय की पुरानी बिल्डिंग के पीछे स्थित कुएं में दो नवजात शिशुओं के शव मिलने के मामले में पुलिस 6 परिजनों तक पहुंची है। सभी ने बच्चे की मौत होने पर उसके अंतिम संस्कार की बात कही है। अब पुलिस गांव-गांव जाकर पड़ताल करेगी कि परिजन वास्तविक स्थिति बता रहे हैं या छुपा रहे हैं।

इधर भास्कर ने पड़ताल की तो पाया कि चरक हॉस्पिटल में पिछले 8 दिनों में 12 नवजात शिशुओं की मौत हुई है, जिनमें 3 बच्चों का वजन एक किलो था। उन्हें एसएनसीयू में भर्ती किया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। विशेषज्ञों के अनुसार एक स्वस्थ बच्चे का वजन 2.30 से 3.30 किलो तक होना चाहिए। दो बच्चे रैफर होकर उज्जैन आए थे। उन्हें रुक-रुककर सांस चल रही थी।

इस वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर भी रखा गया था। उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई। 7 बच्चों की मां के गर्भ में ही मौत हो गई थी। जांच में यह बात भी सामने आएगी कि कोरोना संक्रमण काल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने से वाहन नहीं मिल पाए। इस वजह से ग्रामीण लोग गर्भवती महिलाओं को समय पर हॉस्पिटल नहीं लेकर आ पाए थे।

12 में से 6 बच्चों के परिवारों से संपर्क किया है, जिन्होंने अंतिम संस्कार की बात कही है। बाकी के 6 परिवारों की भी तलाश की जा रही है। पुलिस अब गांव-गांव जाकर वस्तुस्थिति पता करेगी। इधर एसएनसीयू प्रभारी डॉ. दिलीप वास्के ने बताया 12 बच्चों में से सात की मौत मां के गर्भ में ही हो चुकी थी। बाकी के दो बच्चों को सांस की तकलीफ थी तथा तीन का वजन कम था।

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