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तीसरी लहर का खौफ:90 बच्चों के लिए अलग से विभाग
अभी के मुकाबले उज्जैन पीक के लिए कितना तैयार? भास्कर ने इसकी पड़ताल की तो पाया कि पहले हुई गलतियों और भूल को सुधारते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कोविड हॉस्पिटल को अपडेट करना शुरू कर दिया है। ऑक्सीजन बेड, वेंटीलेटर तथा बायपैप मशीन आदि के इंतजाम किए जा रहे हैं। कोविड हॉस्पिटल माधवनगर में ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित किया जा रहा है। खास तैयारी यह भी कि अब अस्पतालों में स्थायी ऑक्सीजन लाइन से सेंट्रल सिस्टम से मरीजों को ऑक्सीजन दी जा सकेगी। चरक अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगाई जाएगी, जिसकी स्वीकृति हो गई है तथा टेंडर भी हो गया है। यहां गरीब मरीजों की मुफ्त में जांच होगी। उन्हें इसका कोई शुल्क नहीं चुकाना होगा।
बाइपेप मशीनें भी 30 से बढ़ाकर 50 की जा रही है, जिनमें से 5 मशीनें आ चुकी हैं। ऑक्सीजन फ्लो मीटर भी 200 से बढ़ाकर 500 किए जा रहे हैं तथा खराब हो चुके फ्लो मीटर के स्थान पर नए की डिमांड की जा चुकी है। चरक अस्पताल में चार वेंटीलेटर मरीजों के लिए और चार वेंटीलेटर बच्चों के लिए भी लगाए जाएंगे। इसके बाद यहां कुल छह वेंटीलेटर हो जाएंगे।
तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा खतरा
तीसरी लहर में 6 से 12 साल के बच्चों में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहेगा, जैसा कि विशेषज्ञ आशंका जता रहे हैं। क्योंकि बच्चों का अभी वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है। ऐसे में उनके संक्रमित होने की ज्यादा संभावना है। तीसरी लहर की संभावना के चलते आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डेडिकेटेड शिशु रोग विभाग शुरू किया जाएगा।
यहां बच्चों के लिए 90 बेड उपलब्ध करवाए गए हैं, जिनमें से 30 बेड आईसीयू के हैं। यहां 14 शिशु रोग विशेषज्ञ पदस्थ हैं तथा शहर में कुल 55 शिशु रोग विशेषज्ञ हैं जो बच्चों को चिकित्सकीय सेवाएं देंगे। आवश्यकता पड़ने पर चरक अस्पताल में शुरुआत में 34-40 बेड का वार्ड बच्चों के लिए बनाया जाएगा।
उसके बाद मरीजों के संख्या के मान से बेड बढ़ाए जाएंगे। यह वार्ड दूसरे मरीजों के वार्ड से अलग होगा। जहां संक्रमित बच्चों को भर्ती कर इलाज दिया जा सकेगा। बच्चों में गंभीर बीमारी की स्थिति में आईसीयू भी संचालित किए जाएंगे।
जानिए क्या-क्या सुविधाएं बढ़ेंगी
1.कोविड हॉस्पिटल माधवनगर : बायपैप मशीनें 30 से बढ़कर 50 होगी। अभी पांच और आई, 15 आना बाकी।
2.कोविड सेंटर चरक अस्पताल : सीटी स्कैन मशीन लगेगी, स्वीकृति के बाद टेंडर जारी।
3.माधवनगर : ऑक्सीजन फ्लो मीटर 200 से बढ़कर 500 होगी, जो खराब हो चुकी, उनकी जगह नई आएगी।
4. माधवनगर : ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा, 100 सिलेंडर ऑक्सीजन मिल सकेगी।
5. माधवनगर : 7 वेंटीलेटर और स्थापित किए जाएंगे।
यह कमियां भी सामने आईं
- जिला अस्पताल में 125 डॉक्टर्स की आवश्यकता है, जिसमें 80 क्लास-2 श्रेणी के 80 डॉक्टर्स व स्पेशलिस्ट 45 होना चाहिए। वर्तमान में यहां कुल 37 डॉक्टर ही पदस्थ हैं।
- एम्बुलेंस की कमी है, यहां कुल 7 एम्बुलेंस उपलब्ध है। जिनमें एक-दो एम्बुलेंस कॉल डयूटी को लाने और छोड़ने में लगी रहती है। कोविड के चलते करीब 17-18 एम्बुलेंस की आवश्यकता है।
- दवाइयां भी मरीजों को पर्याप्त नहीं मिल पा रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड 900 से ज्यादा है और हमें 450 से 520 ही उपलब्ध हो पा रहे हैं। साथ ही फेबी फ्लू-200, आइवरमेक्टिन, एजिथ्रोमाइसिन, डॉक्सीसाइक्लिन, डोलो-650, जिंकोविट, डी-3 या कैल्सीफैरॉल सैशे व एस्प्रिन की कमी बनी हुई है। एंटी फंगस दवाइयों का शार्टेज है। मरीजों को अम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
- ऑक्सीजन की डिमांड करीब 20 टन तक हो सकती है, जिसकी तुलना में अभी हमारे पास में 17-18 टन ही उपलब्ध है।
सीटी स्कैन मशीन की स्वीकृति व टेंडर हो गया है। गरीब मरीजों की मुफ्त में जांच होगी। 8 वेंटीलेटर लगाए जाएंगे। बच्चों के लिए डेडिकेटेड शिशु रोग विभाग को मेडिकल कॉलेज में शुरू किया जाएगा। – अनिल फिरोजिया, सांसद
स्थायी लाइन से सेंट्रल सिस्टम से ऑक्सीजन सप्लाई करेंगे। माधवनगर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट शुरू किया जा रहा है। जिले की तहसीलों में 100 से 195 ऑक्सीजन बेड की सुविधा शुरू हो गई है। – डॉ. मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री
माधवनगर अस्पताल में वेंटीलेटर, बायपैप मशीनें और ऑक्सीजन फ्लो मीटर बढ़ाए जा रहे हैं। इसकी डिमांड भेजी जा चुकी है। ऑक्सीजन प्लांट भी डाला जा रहा है।
– डॉ. एचपी सोनानिया, नोडल अधिकारी कोविड-19
आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डेडिकेटेड शिशु रोग विभाग तैयार है। इसमें 90 बेड उपलब्ध हैं। जिसमें 30 बेड आईसीयू के हैं। – डॉ. सुधाकर वैद्य, ईएनटी स्पेशलिस्ट, मेडिकल कॉलेज