- भस्म आरती: जटाधारी स्वरूप में वैष्णव तिलक के साथ बाबा महाकाल का किया गया दिव्य श्रृंगार!
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- भस्म आरती: रजत त्रिपुण्ड और बिलपत्र अर्पित कर किया गया बाबा का श्रृंगार, बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने लिया बाबा महाकाल का आशीर्वाद…
भस्म आरती में बाबा महाकाल का त्रिपुंड, त्रिनेत्र लगाकर किया श्रृंगार, मस्तक पर सजाया गया चंद्र
सार
विस्तार
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर मंगलवार तड़के भस्म आरती के दौरान चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर, पंचामृत और फलों के रस से किया गया। प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट, मुंड माला धारण करवाई गई।
आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि द्वादशी की तिथि और मंगलवार के संयोग पर भस्मआरती में बाबा महाकाल का खास श्रृंगार किया गया, उनके शीष पर वैष्णव तिलक और चंद्रमा लगाया गया। इसके साथ ही त्रिपुंड और त्रिनेत्र भी लगाया गया। जिसे सभी श्रद्धालु देखते ही रह गए। महानिर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर मे जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।