मास्क और दूरी से ही बचेगी जिंदगी:सावधानियों की चैक लिस्ट दिमाग में फिट हो गई- तभी तो हजारों सैंपल

कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनने, हैंड वाॅश करते रहने और दो गज की दूरी का पालन करने सहित कई गाइड लाइन जारी है। बावजूद संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा है। जो यह दर्शाता है कि कहीं ना कहीं तो लापरवाही हो ही रही है। इसलिए कि कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कोरोना संक्रमितों के बीच रहकर भी अब तक स्वस्थ व सुरक्षित हैं।

अपने अनुभवों से कहते हैं कि मास्क पहनना और हैंड वॉश करते रहना कोरोना से बचाव का अचूक उपाय है। बशर्ते यह उपाय 100 फीसदी सही तरीके से किए गए हों। यानी मास्क प्रॉपर व सही पहना हो और हाथ भी ठीक तरीके से धोए गए हों तो कोरोना आपको छू भी नहीं पाएगा।
सैंपलिंग के समय हमें पता नहीं होता है कि सामने वाला संक्रमित है या नहीं, इसलिए पूरी सावधानी बरतते हैं
यह फोटो है शासकीय जीवाजीगंज सिविल अस्पताल का। यहां लैब टेक्नीशियन हेमंत गोयल एक युवक के सैंपल ले रहे हैं। कोरोना के पहले से दूसरे दौर तक गोयल लगातार सैंपलिंग करते आ रहे हैं। वे अब तक करीब एक हजार लोगों की सैंपलिंग कर चुके हैं जिनमें से कई की रिपोर्ट पॉजिटिव भी आई हैं।

गोयल कहते हैं कि सैंपलिंग के वक्त हमें नहीं मालूम होता है कि संबंधित पॉजिटिव है या नहीं। लिहाजा वे हर सैंपलिंग के दौरान ही संक्रमण से बचने के लिए पूरी सावधानी पर जोर देते हैं। सैंपलिंग करने से पहले खुद को क्रास चैक करते हैं। देखते हैं कि पीपीई किट अच्छे से पहनी है या नहीं। खास कर मास्क व ग्लव्स।

सैंपलिंग के बाद किट उतारने व पुन: अपने कपड़े पहनने तक कई बातों व बारीकियों का ध्यान रखते हैं। कहते हैं कि मुख्य रूप से मास्क प्रॉपर सही तरीके से पहना हुआ और अच्छे से हैंड वॉश कर लिए गए हों तो कोई परेशानी नहीं आती है।
प्रोटोकाॅल के तहत रखा ध्यान, दसवें दिन रिपोर्ट निगेटिव आई
वैशाली नगर के 57 वर्षीय एस. सेठिया को हल्की खांसी की परेशानी हुई थी। इसे उन्होंने गंभीरता से लिया और तत्काल सीटी स्कैन व सैंपलिंग भी करवाई तो पता चला कि वे कोरोना पॉजिटिव हैं। वे होम क्वारेंटाइन रहे। इस दौरान घर में वृद्ध माता-पिता के अलावा पत्नी भी थी। चूंकि संक्रमण तेजी से फैल रहा था तो सभी ने अपना-अपना तो ध्यान रखा ही, सेठिया को भी दवाई, खाने-पीने की वस्तुओं की कमी महसूस नहीं होने दी।

परिजन मास्क पहनकर व निर्धारित दूरी बनाकर तथा प्रोटोकॉल के तहत उनका ख्याल रखते रहे। नतीजा वे केवल दस दिन में ही ठीक हो गए। उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई। सेठिया कहते हैं कि बीमारी के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देने पर ही उसकी जांच जरूर करवाएं। वहीं परिजन भी कहते हैं कि बीमारी से घबराएं नहीं, मास्क पहनें और प्रोटोकॉल का पालन करते रहें आप कभी भी संक्रमित नहीं होंगे।

दो हजार से ज्यादा की सैंपलिंग कर चुके हैं, घर जाकर अपने कपड़े स्वयं धोते हैं, पेन-बेल्ट, मोबाइल सैनिटाइज करते हैं

यह हैं अशोक शिवहरे। माधवनगर अस्पताल में लैब टेक्नीशियन हैं और लैब के इंचार्ज भी। अब तक अकेले ही दो हजार से अधिक सैंपलिंग कर चुके हैं। कहते हैं कि माधवनगर में दिनभर कोरोना के व संदिग्ध मरीज आते रहते हैं तो इन्हीं के बीच घंटों बिताने पड़ते हैं, इसलिए क्या-क्या सावधानी बरतना है इसकी चैक लिस्ट दिमाग में फिट हो गई है।

शिवहरे संक्रमण से बचाव का सबसे महत्वपूर्ण उपाय व साधन मास्क को ही मानते हैं। कहते हैं कि मास्क पहनो और सौ फीसदी ठीक से पहनें, संक्रमित नहीं होओगे। इसके अलावा वे बार-बार हैंड वॉश पर जोर देते हैं। किसी भी वस्तु को छूने व कुछ भी खाने से पहले अच्छे से साबुन से हाथ धोने की सलाह देते हैं। कहते हैं कि घर जाते हैं तो अपने कपड़े स्वयं धोते हैं। अपना मोबाइल, पेन, बेल्ट आदि किसी को छूने नहीं देते हैं। इन्हें भी सैनिटाइज करते हैं। इन्हीं सावधानियों के चलते वे अब तक कई संक्रमितों के बीच रहकर भी स्वस्थ हैं।

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