- भस्म आरती: मस्तक पर मुकुट और भांग, ड्राईफ्रूट से सजे बाबा महाकाल, जय श्री महाकाल की गूंज हुई गुंजायमान
- भस्म आरती: बिलपत्र, रुद्राक्ष की माला, रजत मुकुट और आभूषण अर्पित कर राजा स्वरूप में किया गया भगवान महाकाल का श्रृंगार!
- आज से शुरू श्राद्ध पक्ष: मोक्षदायिनी शिप्रा में तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व, नगर निगम ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए की व्यवस्था
- राष्ट्रपति के आगमन पर महाकाल मंदिर में खास तैयारी शुरू: नंदीहाल और गर्भगृह में राजसी साज-सज्जा, प्रोटोकॉल व टिकट व्यवस्था बंद; 1800 से अधिक जवान रहेंगे तैनात
- उज्जैन में मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया अनंत चतुर्दशी पर्व: रात 11 बजे निकला झिलमिलाती झांकियों का कारवां, नगर पालिका ने की विशेष व्यवस्थाएं
शनिवार भस्म आरती दर्शन:मस्तक पर तिलक और चंदन का त्रिपुंड अर्पित कर भगवान महाकाल को भस्म चढ़ाई
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार तड़के भस्म आरती के दौरान तीन बजे मंदिर के कपाट खोले गए। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के पश्चात दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया। भांग, चंदन, सूखे मेवों और आभूषणों से बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया गया।
मस्तक पर तिलक और चन्दन का त्रिपुण्ड अर्पित कर भगवान महाकाल को भस्म चढ़ाई गई, शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की भगवान महाकाल ने। फल और मिष्ठान का भोग लगाया।
भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। मान्यता है की भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते है।