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अब मैं पार्षद नहीं हूं, निगम में बात करो; पार्षद पद जाने के बाद सेवा का भाव भी खत्म
लोग मुसीबत में थे, घरों में पानी घुस रहा था। पार्षदों को फोन लगाए तो उन्होंने रिसीव तक नहीं किए। जिन्होंने उठाए, वे बोले-निगम में शिकायत करो। रहवासियों का कहना है पार्षदों के साथ पूर्व शब्द लगने से उनमें सेवा का भाव भी खत्म हो गया है। पहले यही पार्षद एक कॉल पर संबंधित से संपर्क करते थे। बारिश से शहर के कई क्षेत्रों में जलजमाव हो गया। इसका निराकरण करने के लिए रहवासियों ने सबसे पहले पार्षद को फोन लगाए। समाधान की जगह उन्हें ठीक से जवाब भी नहीं मिले।
अपने स्तर पर पानी निकाला
लक्ष्मीनगर में रहने वाले हरीश ने मंगलवार शाम को वार्ड 39 की पूर्व पार्षद मीना तिलकर को कई बार मोबाइल लगाए लेकिन उन्होंने रिसीव ही नहीं किया। लगातार और तेज बारिश से हरीश के मकान में पानी भर गया था। उनके पास पार्षद के नंबर थे तो मदद के लिए कॉल किया। आखिर लंबे समय तक कॉल रिसीव नहीं होने पर हरीश ने बारिश रुकने का इंतजार किया। तब तक उन्होंने अपने स्तर पर ही पानी बाहर निकाला। पार्षद का कहना है कि उनके पास कोई कॉल ही नहीं आया। बुधवार सुबह एक कॉल आया था, जिसकी उन्होंने मदद की।
निगम में दर्ज करवाएं शिकायत
पंवासा में तलाई क्षेत्र के रहवासी रमेश बतवाल ने बताया मंगलवार को हुई तेज बारिश के बाद क्षेत्र में घुटनों तक पानी भर गया है। इससे 50 परिवार घरों में बंद होने को मजबूर हो गए हैं। मंगलवार को उन्होंने वार्ड 40 के पूर्व पार्षद आत्माराम मालवीय को फोन लगाया। पहले तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। लगातार कॉल करने के बाद वे बोले-अब मैं पार्षद नहीं हूं। आपकी जो समस्या है, वह निगम के कंट्रोल रूम पर दर्ज करवाएं। आखिर रमेश ने निगम के कंट्रोल रूम के नंबर 129 पर शिकायत दर्ज करवाई।
बार-बार कॉल पर भी जवाब नहीं
सांई विहार के रहवासी हितेंद्रसिंह तोमर लंबे समय से कॉलोनी में जलभराव से परेशान हैं। मंगलवार को भी यही हालात हुए तो उन्होंने वार्ड 54 के पूर्व पार्षद हिम्मतलाल देवड़ा को कॉल किया। बार-बार कॉल करने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला तो तोमर खुद ही निकासी में जुट गए। उनका कहना है एक-दो घरों में पानी भरा हो ताे अपने स्तर पर निकाला जा सकता है लेकिन पूरी कॉलोनी में ही जल जमाव हाे तो कैसे निकालें। इस संबंध में निगमायुक्त को भी अवगत कराया है। बावजूद कोई समाधान नहीं निकला।