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अभी से संभलना होगा:नए वैरिएंट के खतरे के बीच ऐसे हाल…बाहर से आने वालों की सैंपलिंग और स्क्रीनिंग नहीं
कोरोना की चौथी लहर और नए वैरिएंट के खतरे के बीच में उज्जैन के स्वास्थ्य विभाग के ऐसे हाल हैं कि सर्दी-खांसी व बुखार तथा संदेही मरीजों की सैंपलिंग तक नहीं की जा रही है। ऐसे में सैंपलिंग का आंकड़ा शून्य है और रिपोर्ट भी जीरो आ रही है। यह हालात तब है जब नए वैरिएंट का खतरा बढ़ने के बीच में उज्जैन में वर्ष के अंत में देश-विदेश के यात्री और श्रद्धालु आ रहे हैं। उनकी सैंपलिंग और स्क्रीनिंग की अब तक शुरूआत नहीं की है।
कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा 12 साल या इससे कम उम्र के बच्चों तथा 50 प्लस लोगों पर बना हुआ है। सर्दी के मौसम में कोरोना का खतरा और ज्यादा बढ़ा हुआ है। इसी बीच में उज्जैन में सैंपलिंग और रिपोर्ट का आंकड़ा शून्य पर है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि नए साल में कोरोना की चौथी लहर आ सकती है और संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।
ऐसे में उज्जैन में ज्यादा अवेयरनेस की आवश्यकता है। बाहरी यात्रियों से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग कोरोना से निपटने के लिए मॉक ड्रिल करवा रहा है और कोविड हॉस्पिटल माधवनगर में चिकित्सा इंतजामों को अपडेट किया जा रहा है। जबकि सैंपलिंग नहीं की जा रही है।
आरआर टीम के नोडल अधिकारी डॉ.रौनक एलची का कहना है कि अस्पतालों में सैंपलिंग के पूरे इंतजाम हैं। मरीज यहां पर अपनी कोरोना जांच करवा सकते हैं। स्वास्थ्य अमला अलर्ट है और कोविड हॉस्पिटल माधवनगर में पूरे इंतजाम किए गए हैं। यहां पर बेड व ऑक्सीजन पर्याप्त है।
डोर-टू-डोर सैंपलिंग के इंतजाम नहीं
जिला अस्पताल या माधवनगर अस्पताल में पहुंचकर मरीज को सैंपलिंग करवाना पड़ती है लेकिन डोर-टू-डोर या कोविड कंट्रोल रूम से सूचना मिलने के बाद सैंपलिंग के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए है। हेल्थ बुलेटिन के तहत जिले में बुधवार को एक भी मरीज की सैंपलिंग नहीं की गई है यानी सैंपलिंग का आंकड़ा शून्य है। पॉजिटिव दर भी शून्य है और अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या भी शून्य है।
रेंडम सैंपलिंग के आदेश नहीं
नए वैरिएंट के खतरे के बीच में अब तक रेंडम सैंपलिंग को लेकर कोई गाइड लाइन या आदेश स्वास्थ्य विभाग या स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी नहीं हुए हैं। ऐसे में उज्जैन में सैंपलिंग नहीं की जा रही है। रेपिड एंटीजन टेस्ट किए जाने के इंतजाम तो यहां पर किए गए हैं लेकिन आरटीपीसीआर टेस्ट की जांच इंदौर में होगी। कोविड-19 के अधिकारियों का कहना है कि वरिष्ठ कार्यालय या स्वास्थ्य मंत्रालय से अब तक रेंडम सैंपलिंग को लेकर कोई आदेश नहीं मिले हैं। आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लेकर एमवाय इंदौर भेजे जाएंगे।