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आश्वासन के बाद साधु-संतों का धरना स्थगित
सीएम से मिलने जाएंगे संत और महंत
उज्जैन।शिप्रा और शहर की पवित्रता को लेकर दत्त अखाड़ा घाट पर चल रहा साधु-संतों का धरना स्थगित कर दिया गया है। संतों-महंतों का एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात करने के लिए भोपाल जाएगा।
धरना दे रहे साधु-संतों से उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव और कलेक्टर आशीषसिंह ने शिप्रा शुद्धिकरण के संबंध में शासन-प्रशासन की योजना और प्रस्ताव की जानकारी दी। इसके साथ यह भी बताया कि शिप्रा शुद्धिकरण की कार्य योजना में साधु-संतों द्वारा सुझाए जाने वाले उपायों को राज्य शासन द्वारा शामिल किया जाएगा। महंत डॉ. रामेश्वरदास के अनुसार उच्च शिक्षा मंत्री यादव ने आश्वस्त किया है कि इंदौर से आने वाले प्रदूषित जल को शिप्रा नदी के जल में मिलने से रोकने के उपाय तत्काल आरंभ कर दिए जाएंगे। कान्ह नदी का गंदा पानी शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए त्रिवेणी के पहले पक्का बांध बनाने की स्वीकृति एक महीने में ही हो जाएगी।
संघर्ष जारी रहेगा
षट्दर्शन संत मंडल के प्रमुख सदस्य व 13 अखाड़ों के महंत सहित संतजनों ने निर्णय लिया है कि शिप्रा शुद्धिकरण के संतों-महंतों का संघर्ष जारी रहेगा। इसे फिलहाल स्थगित किया गया है, समाप्त नहीं। शिप्रा शुद्धीकरण के कार्य आरंभ करने के लिए 31 दिसंबर तक की समय सीमा मांगी है, इस अवधि तक यदि काम शुरू नहीं करेंगे तो सभी साधु-संत फिर से आंदोलन की राह पर होंगे।
अनशन समाप्त
उधर दादू आश्रम के संत ज्ञानदास महाराज भी शिप्रा नदी के शुद्धिकरण को लेकर अनशन पर थे। उन्होंने अन्न त्याग रखा था। मंत्री और अधिकारियों के आश्वासन पर ज्ञानदास महाराज ने अनशन खत्म किया। हालांकि उन्होंने कहा वे योजना पूरी होने तक फलाहार पर ही रहेंगे। अन्न अभी भी ग्रहण नहीं करेंगे। संत ज्ञानदास को कलेक्टर आशीष सिंह ने नारियल पानी पिलाकर अनशन समाप्त कराया। महाराज ने चेतावनी दी है कि मांग पूरी नहीं हुई तो फिर अनशन शुरू कर देंगे।