इसलिये वापस हुआ सशुल्क प्रोटोकॉल दर्शन का नियम….

अफसरों को अपनी जेब से हर माह खर्च करना पड़ रहे थे 20 से 25 हजार रुपये

नेताओं के साथ आने वालों की बढ़ेगी भीड़

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आम भक्तों को सप्ताह में चार दिन… तीन घंटे प्रवेश…

उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा का हवाला देकर प्रोटोकॉल से दर्शनों को सशुल्क किया गया था लेकिन यह नियम पुलिस व प्रशासन के अफसरों पर ही भारी पड़ गया। स्थिति यह हो गई कि अफसरों को 20 से 25 हजार रुपये महीना अपने जेब से खर्च करना पड़ रहे थे।

देश के किसी भी राज्य से महाकालेश्वर दर्शनों को आने वाले प्रोटोकॉल प्राप्त पुलिस प्रशासन के अफसर की दर्शन व्यवस्था का जिम्मा जिला प्रोटोकॉल कार्यालय के पास होता है। अधिकांश अफसर अपने परिवार के साथ उज्जैन आते हैं।

प्रोटोकॉल से सशुल्क दर्शन व्यवस्था अंतर्गत प्रति व्यक्ति 100 रुपये लिये जाने के कारण संबंधित विभाग के अफसरों से रुपये मांगने में संकोच के चलते इसका निर्वहन उज्जैन के पुलिस प्रशासन, नगर निगम सहित सभी विभागों के प्रमुखों को ही करना पड़ता था।

सुबह 10 बजे तक 60 लोगों ने कटाई रसीद
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा सशुल्क प्रोटोकॉल नियम समाप्त कर दिया है लेकिन इसके आदेश प्रसारित नहीं हुए है जिसके चलते सुबह 10 बजे तक 60 से अधिक लोगों ने प्रोटोकॉल नियम अंतर्गत 100 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से रसीद कटवाकर भगवान के दर्शन किये।

नेताओं के समर्थकों की संख्या हुई थी कम
देश भर से अनेक नेताओं का आगमन भी महाकालेश्वर मंदिर में होता है। सशुल्क प्रोटोकॉल नियम से पहले नेतओं के समर्थकों की मंदिर में भीड़ होती थी जिन्हें मंदिर में प्रवेश से कोई रोक नहीं पाता था। सशुल्क व्यवस्था शुरू होने के बाद यह भीड़ कम हो गई थी।

दो दिन समय लगेगा: मंदिर समिति से जुड़े लोगों ने बताया कि समिति में निर्णय हो चुका है लेकिन इसे लागू होने में दो दिन का समय लगेगा उसके बाद ही प्रोटोकॉल से दर्शनों का शुल्क समाप्त होगा तब तक लोगों को 100 रुपये शुल्क देकर ही दर्शन करना होंगे।

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आम भक्तों को सप्ताह में चार दिन… तीन घंटे प्रवेश…

प्रोटोकॉल फीस खत्म पर सीमित

संख्या में ही अनुमति,पुजारी-पुरोहितों की अभिषेक रसीद 5 से बढ़ाकर 10 की

उज्जैन।महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालु सप्ताह में चार दिन तीन घंटे के लिएजा सकेंगे। प्रोटोकॉल फीस को खत्म कर दिया गया है,लेकिन इसकी अनुमति सीमित संख्या में होगी। पुजारी-पुरोहितों की 15000 रु. की अभिषेक रसीद 5 से बढ़ाकर 10 कर दी गई हैं। वहीं मंदिर समिति के सेवकों के वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया हैं।

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में सदस्यों ने महाशिवरात्रि से पहले कई निर्णय लिए। समिति ने महाकाल दर्शन के लिए वीआइपी दर्शनार्थियों के लिए लागू किए गए 100 रुपये शुल्क को समाप्त कर दिया है। साथ ही वीआइपी प्रवेश के लिए कुछ शर्तें भी लागू की हैं। प्रोटोकाल के तहत आने वाले सदस्यों को सीमित संख्या में प्रवेश दिया जाएगा। संख्या कितनी रहेगी, यह बाद में तय किया जाएगा। इस तय संख्या के बाद प्रोटोकाल से अुमति चाहने वालों को निर्धारत शुल्क चुकाना होगा।

यह भी निर्णय

मंदिर समिति प्रबंध समिति ने करीब 350 सेवकों का वेतन बढ़ाने की निर्णय लिया है। यह फरवरी से लागू होगा।

महाकाल मंदिर विस्तारीकरण के लिए चारधाम आश्रम से हरसिद्धि के पीछे शिप्रा तट तक जमीन अधिग्रहण करेगी।

निर्माण कार्य के चलते महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं को चारधाम मंदिर के सामने नवनिर्मित नए मार्ग से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए तीन कतार में दर्शन की व्यवस्था रहेगी।

महाकाल दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु भगवान के शीघ्र दर्शन करना चाहते हैं, तो उन्हें पूर्व निर्धारित व्यवस्था के अनुसार 250 रुपये का शीघ्र दर्शन टिकट खरीदना होगा।

श्रद्धालुओं की ऐसी व्यवस्था

दिन: मंगलवार,बुधवार,गुरुवार और शुक्रवार समय: दोपहर एक से चार बजे तक विशेष: चार दिन के दौरान अधिक श्रद्धालुओं के आने पर गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी। शनिवार, रविवार व सोमवार को दर्शनार्थी 1500 रुपये की रसीद कटाकर भीतर दर्शन कर सकेंगे।

पुजारी-पुरोहितों: एक दिन में 15000 रु. के अभिषेक की अधिकत्तम 10 रसीद प्राप्त कर सकते है, लेकिन केवल दिन में तीन बार ही। अभिषेक प्रात: 6 से 9 दोपहर 12 से 1 व शाम को 6 से 8 बजे तक कर सकेंगे।

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