ईको दीपावली : चाइना को छोड़, मिट्टी के इन दियों को अपनाएं…

दिवाली को लेकर हर जगह तैयारियां चल रही हैं। आधुनिक साधनों के चकाचौंध के बीच आज भी भारतीय परंपरानुसार दीपोत्सव में मिट्टी के दीयों और कलश की खास अहमियत है। वहीं, इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को कुम्हार द्वारा बनाए जा रहे मिट्टी के दियों का इस्तेमाल करने का आग्रह भी किया है।

शहर में मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार अपने आखिरी चरण में पूरी तैयारियों में जुटे हुए हैं। शहर में मिट्टी के बर्तन और दीयों का कारोबार दीपावली पर चमक उठता है, इसी उम्मीद के साथ न केवल बाजार में दुकानें सजी हुई हैं। शहर में मिट्टी की कमी के बावजुद कुम्हारों के परिवार मिट्टी के बर्तन बनाने और विक्रय के कारोबार से जुड़े हुए हैं, जो इन दिनों पूरे युद्धस्तर पर मिट्टी के बर्तन, दीये, कलश और बच्चों के खिलौने बनाने में लगे हुए हैं।

देशभर में हो रहे विरोध के बावजूद कई जगहों पर अभी भी चाइनिज लाइट, और चाइनिज दीपकों को क्रेज है लेकिन आज भी घरों में पूजा करने के लिए वही विधि विधान द्वारा मिट्टी के बर्तन, दिए और कलश का ही इस्तेमाल किया जाता है और इनकी बिक्री भी उतनी ही ज्यादा होती है। तो लें संकल्प हम चाइनिज को छोड़ देश में निर्मित मिट्टी के दियों के माध्यम से मनाएंगे दीप पर्व।

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