उज्जैन:कहीं सख्ती कहीं नरमी…शहर के प्रमुख चौराहों पर अभी भी तैनात है पुलिस बल

उज्जैन:जब कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन घोषित किया गया तो आमजनों को इसका अर्थ कुछ समझ नहीं आया।

लोग आवश्यक कार्य से घरों के बाहर घूमते रहे और बाजार में भी भीड़ यथावत बनी रही इसके बाद कलेक्टर को लॉकडाउन के साथ शहर में कफ्र्यू भी लगाना पड़ा।

इसके अंतर्गत सिर्फ आवश्यक सामग्री की दुकानें खोलने और लोगों को घरों में ही रहने के निर्देश दिये गये। कुछ लोग फिर भी नहीं माने तो पुलिस को सख्ती बरतना पड़ी। वर्तमान में शहर की स्थिति यह है कि अधिकांश लोग अब स्वयं ही लॉकडाउन का पालन करने लगे हैं और पुलिस को अधिक मशक्कत भी नहीं करना पड़ रही। हालांकि कुछ जगह नियम का उल्लंघन करने वालों को हिदायत के तौर पर सजा दी जा रही है।

पिछले दिनों तक जहां पुलिस के अलावा क्यूआरएफ, एसटीएफ के जवानों द्वारा शहर के विभिन्न चौराहों पर खड़े होकर लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के साथ सख्ती की जा रही थी।

यहां तक कि पुलिस की गिरफ्तारी पार्टी जगह-जगह से लोगों को गिरफ्तार कर माधव कॉलेज की अस्थायी जेल में बंद किया जा रहा था। लेकिन पिछले तीन दिनों से शहर में माहौल बदला-बदला नजर आ रहा है।

चौराहों और चैक पोस्ट पर पुलिसकर्मी तो तैनात हैं, लेकिन जानबूझकर लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर ही सख्ती की जा रही है। जो लोग अकेले दो पहिया वाहनों पर मुंह पर मास्क लगाने के बाद उचित कारण बताते हुए बाजार में निकल भी रहे हैं तो उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही।

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