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उज्जैन:दान के सहारे माधवनगर कोविड हॉस्पिटल
डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल का अपना कोई बजट नहीं, आज से दान की पीपीई कीट, मॉस्क, हैण्ड ग्लोब्ज, सैनिटाइजर से करेंगे मरीजों का उपचार
शासन के दावों पर प्रश्न चिह्न, कैसे चलेगी अस्पताल की व्यवस्थाएं
उज्जैन:शासन ने कोविड-19 से लडऩे के लिए प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल चिन्हित कर दिए हैं। उज्जैन जिले में शा.माधवनगर हॉस्पिटल को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है। इस भवन में अब केवल कोरोना के मरीजों का ही उपचार होगा और भर्ती किया जाएगा। कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए आयसीयू भी तैयार है। रविवार को माधवनगर अस्पताल की ओपीडी में 4 फ्लू के मरीजों का पंजीयन हुआ।
इतनी सारी सुविधाओं वाले इस हॉस्पिटल में हैण्ड ग्लोब्ज, पीपीई कीट, हैण्ड सैनिटाईजर, मॉस्क की कमी है। इस कमी से पूरा अस्पताल प्रशासन जूझ रहा है। यहां के कुछ कर्मचारी इन सामानों की व्यवस्था शहर के प्रतिष्ठित लोगों से, संस्थानों से दान के रूप में लेकर कर रहे हैं। रविवार को भी हॉस्पिटल में हैण्ड ग्लोब्ज की कमी थी और स्टॉफ इसकी मांग कर रहा था।
हालात: 500 पीपीई कीट ही दी, इसमें हैंड ग्लोब्ज थे ही नहीं
शनिवार को कलेक्टर का दौरा हुआ, उस समय तक हॉस्पिटल को सीएमएचओ कार्यालय द्वारा मात्र 500 पीपीई कीट प्रदाय की गई। जबकि मांग इससे अधिक थी। हैण्ड ग्लोब्ज थे ही नहीं। वहीं थ्री लेयर मॉस्क (एन-95 तो है ही नहीं), सैनिटाइजर की कमी थी। जब कलेक्टर को स्टोर कीपर तिवारी ने बताया कि ये सामान नहीं है, तो तिवारी को बाद में सीएमएचओ के क्रोध का सामना करना पड़ा। उसके बाद भी शनिवार शाम तक उक्त सामान सीएमएचओ ने नहीं पहुंचवाया तो स्टोर कीपर तिवारी ने अपने एक परिचित से 1000 पीपीई कीट दान करवाई। आज से हॉस्पिटल प्रारंभ होते ही पीपीई कीट की सबसे पहले आवश्यकता रहेगी। यदि उक्त पीपीई कीट दान में शनिवार रात्रि नहीं मिलती तो आज संकट खड़ा हो जाता। रविवार को स्टॉफ ने चर्चा में बताया कि हमारे पास हैण्ड ग्लोब्ज नहीं है। मॉस्क को धोकर पुन: पहना तो हमें इंफेक्शन हो जाएगा।
यह है रोजाना की मांग
चंूकि यह हॉस्पिटल पूरी क्षमत से प्रारंभ हो गया है, ऐसे में यहां पर चारों वार्डो में 25-25 के स्टॉफ (डॉक्टर्स, पेरा मेडिकल स्टॉफ, कर्मचारी) के मान से प्रत्येक वार्ड में तीन शिफ्ट में 75 के हिसाब से 225 पीपीई कीट-हैण्ड ग्लोब्ज-मॉस्क चाहिए ही। इन स्थितियों में बगैर कीट के स्टॉफ काम कैसे कर पाएगा यह विचारणीय पहलू है।
कर्मचारी विभागों से नहीं मांगते
शा. माधवनगर हॉस्पिटल के स्टोर कीपर तिवारी के अनुसार कर्मचारी अपने विभागों से मांग नहीं करते हैं। हम सीधे नहीं देते हैं तो धमकी मिलती है। यदि दे दें तो ऑडिट की समस्या होगी। वहां पूरा हिसाब देना पड़ता है। हमारे यहां सीएमएचओ कार्यालय से ही सामग्री आती है। सूचना देने पर वहां से देरी भी होती है। यहां पर स्टॉफ बढ़ाकर रखना होगा।
यह हाल है हॉस्पिटल के
माधवनगर हॉस्पिटल में मॉस्क को लेकर इतनी मारामारी है कि कल अज्ञात व्यक्ति डॉ.एच पी सोनानिया की कार में से एन-95 मॉस्क निकालकर ले गए। कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. एचपी सोनानिया ने ये मॉस्क खुद खरीदे थे ताकि आधी रात को अचानक हॉस्पिटल में किसी गंभीर मरीज को देखने आना पड़े तो स्टोर बंद होने से किससे मांगने की नौबत ना आए।
सामान की कमी है तो मुझे बताना चाहिए- खंडेलवाल
सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल के अनुसार यदि किसी सामान की कमी है तो मुझे बताना चाहिए। अधिकारियों को बताने से यह संदेश जाता है कि हम सामान नहीं दे रहे हैं। इस प्रश्न पर कि सामान प्रदाय करने में आपका विभाग देरी करता है। दान से लेकर काम चलाया जा रहा है। उन्होने कहा कि यदि इण्डेन भेजने में मैरे कर्मचारी देरी करते हैं तो शिकायत करें। मैं उन पर कार्रवाई करूंगा। दान के विषय में उन्होने चुप्पी साध ली।