उज्जैन:बड़ी कार्रवाई….नरेश जीनिंग फैक्ट्री की तीन दर्जन दुकानों पर चली जेसीबी-पोकलेन

बीमा चौराहा पर प्रशासन ने नगर निगम और पुलिस के साथ सुबह 6 बजे शुरू की कार्रवाई, 9जेसीबी और 2 पोकलेन एकसाथ लगी

उज्जैन। सिंधिया स्टेट के समय एक फर्म को फैक्ट्री लगाने के लिये बीमा चौराहा आगर रोड पर पांच एकड़ जमीन दी गई थी, लेकिन फर्म द्वारा फैक्ट्री का संचालन बंद कर मुख्य मार्ग पर पक्की दुकानें और मैदान में गोदामों के लिये जगह किराये पर दे दी। प्रशासन द्वारा उक्त जमीन का पट्टा निरस्त करते हुए उसे शासकीय घोषित कर व्यापारियों और गोदाम के किरायेदारों को खाली करने का नोटिस दिया था। लोगों ने दुकानें खाली नहीं की तो सुबह एसडीएम, नगर निगम के अधिकारी भारी पुलिस फोर्स के साथ सुबह 6 बजे यहां पहुंचे और तोडफ़ोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी।

छगनलाल पाचुलाल फर्म को सिंधिया रियासत के समय आगर रोड़ बीमा चौराहे की जमीन फैक्ट्री लगाने के लिये पट्टे पर दी थी। यहां पर नरेश जीनिंग फैक्ट्री लगाई गई, लेकिन वर्तमान में उक्त फैक्ट्री बंद होने बाद यहां आगर रोड़ मुख्य मार्ग पर फर्म के गौरव एरन निवासी इंदौर द्वारा दुकानें बनाकर किराये पर दे दी गई, इसके अलावा मैदान में भी गोदाम बनाकर किराये पर दिये गये। पिछले दिनों प्रशासन द्वारा उक्त जमीन का पट्टा निरस्त करने के साथ किरायेदारों को दुकानें व गोदाम खाली करने के नोटिस जारी किये गये। व्यापारियों ने इसका विरोध किया था। मामला कोर्ट में विचाराधीन है लेकिन कोर्ट द्वारा प्रशासन की कार्रवाई के विरूद्ध स्टे नहीं दिया है। इसी के चलते सुबह 6 बजे प्रशासन ने फैक्ट्री की जमीन पर आगर रोड मुख्य मार्ग की ओर बनी दुकानों को जेसीबी और पोकलेन की मदद से तोडऩे की कार्रवाई शुरू की गई। इस दौरान यहां तीन थानों के सीएसपी, थाना प्रभारियों सहित भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया था।

किसी का फ्रीज टूटा तो बोर्ड परीक्षा के पेपर भी फट गये: सुबह 6 बजे सिटी पटवारी मनीष तिवारी बीमा चौराहा पहुंचे। उन्होंने व्यापारियों को फोन पर सूचना दी कि कार्रवाई शुरू होने वाली है। जिन को सूचना मिली वह दौड़ते हुए दुकान पहुंचे और सामान बाहर किया, जबकि अनेक लोग ऐसे थे जो दुकान पर नहीं आ पाये, ताले लगी दुकानों पर ही नगर निगम की जेसीबी ने तोडफ़ोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी। एव्हरफ्रेश की दुकान में रखा डी फ्रीज व अन्य सामान टूट गया तो एक प्रिंटिंग व स्टेशनरी की बंद दुकान पर जेसीबी चलने से उसमें रखा स्टेशनरी सामान के अलावा बोर्ड परीक्षा के पेपर व जरूरी कागजात भी नष्ट हो गये। एक घंटे तक बंद दुकानों पर जेसीबी चली तो जो लोग दुकानों पर नहीं आये वह भी तुरंत आ गये और दुकानें खाली करना शुरू किया।

30 साल पहले 200-300 रुपये महीना किराये पर ली थी दुकानेें

बीमा चौराहे के आगर रोड़ मुख्य मार्ग से फाजलपुरा की ओर जाने वाले मार्ग की ओर कुल करीब तीन दर्जन दुकानें किराये पर थीं। इन व्यापारियों की एसोसिएशन के सचिव महेश साहू ने बताया कि लोगों ने 25-30 साल पहले पगड़ी देकर छगनलाल पाचूलाल फर्म से 200-300 रुपये महीना किराये पर दुकानें ली थीं। हर साल किराया बढ़ते हुए वर्तमान में फर्म को 2 से 3 हजार रुपये प्रतिमाह किराया दिया जाता था।

नरेश जीनिंग फैक्ट्री के मैदान में 10 शेड बनाकर गोदाम किराये पर दिए

नरेश जीनिंग फैक्ट्री कुल 5 एकड़ जमीन पर थी। फैक्ट्री बंद होने के बाद फर्म द्वारा मैदान में 10 शेड बनाकर गोदाम किराये पर दिये थे। यहां 3 शेड में सीमेंट, सरिये, कोल्ड्रिंक्स आदि सामान भरा था। तोडफ़ोड़ की कार्रवाई शुरू होते ही गोदाम से सामान निकालने के लिये कुछ समय मांगा इस दौरान खाली गोदामों को तोडऩे की कार्रवाई जारी रही।

जमीन को शासकीय घोषित किया

नरेश जीनिंग फैक्ट्री का पट्टा निरस्त कर जमीन को शासकीय घोषित किया गया है। कोर्ट में केस चल रहा है लेकिन स्टे नहीं दिया गया। दुकानदारों व गोदाम वालों को पूर्व में नोटिस देने के अलावा एडीएम द्वारा एक दिन पहले भी खाली करने के निर्देश दे दिये थे।

हम तो बेरोजगार हो गये

वर्षों से यहां दुकान संचालित कर रहे थे, अचानक तोडफ़ोड़ की कार्रवाई से हम बेरोजगार हो गये। कलेक्टर से मिले थे। उन्होंने आश्वासन दिया था कि जो भी योजना उक्त जमीन पर बनेगी उसमें आपको प्राथमिकता दी जायेगी, लेकिन किसी नेता ने हमारा साथ नहीं दिया।

दिनेश साहू, सचिव व्यापारी एसोसिएशन

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