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उज्जैन:शहर से लगे खेतों के किनारे बिक रही सस्ती और ताजी सब्जियां
किसानों ने कहा…सोशल डिस्टेसिंग का पालन कर रहे लेकिन पुलिस का रहता है डर, उठा ले जाते हैं टोकरियां
उज्जैन:जब से प्रशासन द्वारा थोक सब्जी मंडी बंद कराने के साथ शहर में फेरी लगाकर सब्जी बेचने वालों को प्रतिबंधित किया गया उसके बाद से अधिकांश किसान अपने खेतों के किनारे तराजू-बांट रखकर सस्ती और ताजी सब्जियां बेच रहे हैं। नगर निगम द्वारा पिछले दिनों शहर में सब्जी आपूर्ति के लिये गिनती के लोगों को पास जारी किये और सब्जी का विक्रय शुरू कराया। यह सब्जियां महंगी और सड़ी-गली होने से लोगों ने इसे खरीदने में रूचि नहीं दिखाई। किसान सोशल डिस्टेसिंग का पालन कर सब्जी विक्रय तो कर रहे हैं लेकिन उनके मन में पुलिस का भय बना रहता है।
अक्षर विश्व द्वारा शहर के आसपास लगे खेतों में पहुंचकर किसानों से चर्चा की तो उन्होंने शासन के नियमों का पालन करने के साथ खेतों में उग रही सब्जियां आम लोगों को बेचने की बात स्वीकारी और कहा कि यदि यह सब्जियां नहीं बेचें तो फसल खराब होगी और इसका भारी नुकसान भी उठाना पड़ेगा। गोंसा दरवाजा, दत्त अखाड़ा भूखी माता मार्ग, मुल्लापुरा रोड किनारे स्थित खेतों में किसानों ने बड़ी मात्रा में भटे, टमाटर, कद्दू, गिलकी, लौकी, धनिया, हरी मिर्च, पोदीना उगाया है।
गर्मी के सीजन में इन्हीं सब्जियों की भरपूर आवक होती है। खेत में तराजू और बांट लेकर बैठे किसान ने बताया कि गिलकी की अच्छी फसल हुई है। मंडी बंद होने के कारण यह गिलकी किसे बेचे कुछ समझ नहीं आ रहा था। शहर के लोग अपने-अपने वाहनों से इन मार्गों पर सब्जी की तलाश में आते हैं तो उन्हें ही थोक भाव में सब्जी बेच देते हैं।
हम लोग लॉकडाउन और सोशल डिस्टेसिंग के नियम का पालन भी कर रहे हैं। फिर भी पुलिस के वाहन आते हैं, माइक से पुलिस वाले कहते हैं सब्जी मत बेचो, एक-दो बार सब्जी से भरी टोकरी भी उठाकर ले गये। भूखी माता रोड पर सब्जी बेच रहे किसान ने कहा कि खेत में सब्जियां भरपूर उग रही हैं, समय पर तोड़कर इसे नहीं बेचेंगे तो यह खराब हो जाएंगी और हमें बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा।
बासी और खराब सब्जी से परहेज
खेतों से सब्जी खरीदने आये लोगों ने बताया कि नगर निगम द्वारा जो शहर में सब्जी बिकवाई जा रही है उसके रेट अधिक होने के साथ बासी और खराब होती है। इस कारण खेतों से ताजी सब्जी ही खरीद रहे हैं। यहां से सब्जी लेने में कोई परेशानी भी नहीं।
शहर में ऐसे बिक रहे फल
शहर के विभिन्न चौराहों पर महिलाएंटोकरियों में आम और तरबूज, खरबूज लेकर बैठ रही है, जो उचित दाम में ताजे फल लोगों को बेच रही हैं।
खेतों से इन भावों में बिक रही सब्जियां
गिलकी- 20 रुपये किलो
लौकी -15 रुपये किलो
टमाटर -20 रुपये किलो
कद्दू -15 रुपये किलो
भटे -20 रुपये किलो
हरी मिर्च- 40 रुपये किलो
धनिया, मुफ्त या अनुमान से।