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उज्जैन की ‘डिजिटल नाजमीन’ जिससे मोदी ने बात की
उज्जैन में फल का ठेला लगाने वाली नाजमीन शाह हर ट्रांजैक्शन ऑनलाइन करती हैं। 41 वर्षीय नाजमीन कस्टमर से डिजिटल पेमेंट करने के लिए कहती हैं। जिसके पास डिजिटल पेमेंट की सुविधा नहीं हो, सिर्फ उसी से कैश लेती हैं। यही वजह है कि उन्हें डिजिटल नाजमीन के नाम से जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जब देशभर के 7 स्ट्रीट वेंडर से बात की तो उनमें मध्यप्रदेश से अकेली नाजमीन थीं। नाजमीन उज्जैन जिले की एक मात्र ऐसी महिला हैं, जो हर ट्रांजैक्शन ऑनलाइन करती हैं।
PM मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। उन्होंने पूछा- नाजमीन जी आप डिजिटल पेमेंट लेती हैं या नकद। इस पर नाजमीन ने कहा- नहीं सर, कैश और डिजिटल दोनों तरह से पेमेंट लेती हूं। ठेले पर क्यूआर कोड लगा रखा है। कस्टमर को डिजिटल पेमेंट करने के लिए कहती हूं। कुछ लोग कैश भी करते हैं। पीएम ने नाजमीन से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने के लिए कहा। इस पर उन्होंने फल व्यापारी शुभम को 1520 रुपए का पेमेंट मोबाइल से करके दिखाया।
पीएम ने पूछा कि पहले इस तरह की (स्ट्रीट वेंटर योजना) मदद मिली थी क्या, फायदा क्या हुआ? इस पर नाजमीन ने कहा, लॉकडाउन में हमारी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई। हमारे पास कुछ भी नहीं था। हमने अखबार के माध्यम से इस योजना को जाना। एमपी ऑनलाइन कियोस्क से अप्लाई किया। किस्तें भी ऑनलाइन चुकाईं।
पढ़िए नाजमीन की पूरी कहानी
B.Com पास नाजमीन ने MP ONLINE के माध्यम से फॉर्म फिल किया, फीस ऑनलाइन दी, निगम से अप्रूवल हुई योजना में बैंक की किस्त भी ऑनलाइन जमा की। नाजमीन ठेले पर आने वाले हर ग्राहक ने ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कहती हैं।