- भस्म आरती: महाकालेश्वर मंदिर में जयकारों के बीच हुई बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती, राजा स्वरूप में किया गया भगवान का दिव्य श्रृंगार!
- प्रयागराज कुंभ के लिए मुख्यमंत्री को मिला विशेष आमंत्रण! हरिद्वार से आए निरंजनी अखाड़ा प्रमुख ने मुख्यमंत्री यादव से की भेंट, उज्जैन में साधु-संतों के लिए भूमि आवंटन निर्णय को स्वामी कैलाशानंद ने बताया प्रशंसनीय
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग-चंदन और रजत मुकुट के साथ सजे बाबा महाकाल, भक्तों ने किए अद्भुत दर्शन
- महाकाल के दर पर पहुंचे बी प्राक, भस्म आरती में शामिल होकर लिया आशीर्वाद; करीब दो घंटे तक भगवान महाकाल की भक्ति में दिखे लीन, मंगलनाथ मंदिर में भी की पूजा
- भस्म आरती: बाबा महाकाल के दिव्य श्रृंगार और भस्म आरती के साथ गूंजा "जय श्री महाकाल"
उज्जैन के निजी अस्पताल में आग:कोविड वार्ड में भर्ती 4 मरीज झुलसे, एक की हालत गंभीर
उज्जैन के फ्रीगंज में एक निजी अस्पताल के कोविड वार्ड में रविवार सुबह करीब 11:30 बजे आग लग गई। आग से 4 मरीज झुलस गए। एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना के वक्त अस्पताल में 80 मरीज भर्ती थे। इनमें 24 कोविड मरीज थे। सभी मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया गया है। आग की वजह शॉर्ट सर्किट को बताया जा रहा है।
फ्रीगंज में पाटीदार हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर नाम से उमाशंकर पाटीदार का अस्पताल है। दो मंजिल के इस निजी अस्पताल में जिलेभर के मरीज आते हैं। रविवार की सुबह करीब 11:30 बजे अस्पताल की दूसरी मंजिल पर कोविड वार्ड में तैनात वॉर्ड बॉय ने धुआं उठते देखकर प्रबंधन को इसकी सूचना दी। देखते देखते ही अस्पताल में धुआं फैल गया। खिड़कियां तोड़कर किसी तरह मरीजों को निकाला गया। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की 4 गाड़ियों ने आधे घंटे में आग पर काबू पाया।
80 मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेजा गया
आग लगने पर अस्पताल में भर्ती सभी 80 मरीजों को निकालने का काम शुरू किया गया। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। भर्ती मरीजों के परिजन भी अस्पताल में ही मौजूद थे। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद 20 एम्बुलेंस की मदद से मरीजों को शिफ्ट किया गया। इन मरीजों में से कुछ को आरडी गार्डी और गुरुनानक अस्पताल भेजा गया। आग से कोविड वार्ड में मौजूद सभी मशीनें और फर्नीचर भी जल गया।
नहीं बजा अलार्म, फायर सेफ्टी पर सवाल
अस्पताल में फायर अलार्म सिस्टम लगा हुआ था, लेकिन घटना के वक्त फायर अलार्म नहीं बजा। इससे अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि आग बुझाने वाले उपकरण भी ठीक नहीं थे। हालांकि, अस्पताल मैनेजमेंट ने दावा किया है कि फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही आग को काबू कर लिया गया था।
जिंदगी को झुलसाने वाली इस आग के 2 जिम्मेदार
अस्पताल मालिक उमाशंकर पाटीदार- आग बुझाने के साधन तो हैं अस्पताल में। उसी से पहले कर्मचारियों ने आग बुझाने की कोशिश की। फायर ब्रिगेड को सूचना दे दी थी।
तत्कालीन भवन अधिकारी (पांच दिन पहले तक) जोन 5 पीयूष भार्गव- बोले- कुछ याद नहीं है। हमारे माध्यम से नोटिस दिया होगा लेकिन कार्रवाई को फायर ब्रिगेड को करना चाहिए।