उज्जैन के समग्र विकास की सोच रखने वाले डॉ. मोहन यादव बने मंत्री

उज्जैन. सबका साथ सबका विकास, यह नारा उज्जैन के विधायक, अब मंत्री डॉ. मोहन यादव पर फिट बैठता है, उनके लिए उज्जैन का समग्र विकास करना ही एकमात्र लक्ष्य है। विक्रमोत्सव हो, शिप्रा तीर्थ परिक्रमा हो या फिर सड़क पर झाडू लेकर सफाई अभियान का हिस्सा बनना हो, तो उनके लिए यह सब अपना सा लगता है। शहरवासी उन्हें विकास पुरुष के नाम से भी पुकारते हैं। पर्यटन के अलावा शिप्रा तथा यहां के मंदिरों को संवारने के लिए उन्होंने कई संकल्प लिए और पूर्ण भी किए। आज उन्होंने शिवराज सरकार में मंत्री पद के लिए शपथ ली, तो शहरवासियों की आंखों में नई चमक आ गई, इससे उनके उन सपनों को पूरा होने की आशा जागी, जो अब तक सिर्फ सपना ही थीं।

ओलंपिक खेलों में परचम

डॉ. मोहन यादव का कहना है कि मध्यप्रदेश कुश्ती संघ का प्रदेश अध्यक्ष होना मेरे लिए एक गर्व की बात है। प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते मेरा यही प्रयास रहेगा कि हमारे राज्य से भी कुश्ती के खिलाड़ी (पहलवान) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करें। ओलम्पिक खेलों में भारतीय पहलवानों द्वारा परचम लहराने के बाद तो आने वाले समय में कुश्ती के भविष्य को काफी उज्ज्वल माना जा रहा है।

 

उज्जैन की जनता का एकमात्र सेवक हूं

मैं डॉ. मोहन यादव, विधायक उज्जैन दक्षिण, भगवान महाकालेश्वर की नगरी में एक जनता का सेवक मात्र हूँ। मोक्षदायिनी माँ शिप्रा के किनारे होने वाले सिंहस्थ कुम्भ की भूमि, विक्रमादित्य की राजधानी, कालिदास की कर्मस्थली, गुरु सांदीपनि का आश्रम और भगवान कृष्ण की शिक्षा स्थली, की पवित्र धरती पर मेरा जन्म और इस नगरी की जनता की सेवा करने का मौका मुझे जो उज्जैयिनी की जनता ने दिया है उसके लिए ह्रदय से धन्यवाद् करता हूँ। भारतीय जनता पाटीज़् से म.प्र. विधानसभा से उज्जैन दक्षिण क्षेत्र का विधायक होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जनता जनार्दन ने मुझे उज्जैन के विकास, मंदिरों का कायाकल्प, उज्जैन की संस्कृति की रक्षा, किसान भाइयों के हक़ की लड़ाई, गरीबों का सहयोग, बच्चो के लिए अच्छी शिक्षा सुविधाएं, सरकार की योजनाओं को पूर्ण लाभ जनता को मिल सके, यह सुनिश्चित हो सके इसके लिए मुझे चुना है। मुझे पूरा विश्वास है कि मैं जनता की उम्मीदों पर खरा उतरा हूँ और इसी तरह उज्जयिनी की जनता से मुझे प्यार और आशीर्वाद मिलता रहेगा।

जीवन का यह है मिशन

मेरे जीवन का यही मिशन है कि मैं इसी तरह अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करता रहूं। मुझे जो भी जिम्मेदारियां मिली हैं, उन्हें मैं राष्ट्रहित और समाज के उत्थान में लगा सकूँ। मैंने मेरे राजनैतिक जीवन में प्रारम्भ से ही जनता को ही सर्वोपरि माना है और यही लोकतंत्र का सिद्धांत है। मैं ईश्वर से यही प्रार्थना करूँगा कि भारतीय समाज के मूल्यों का पालन और रक्षा कर सकंू जिससे आने वाली पीढिय़ां भी समाज से जुड़ी रहें और अपने देश के समग्र विकास में भागीदार बने।

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