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एक घंटे पहले विद्यार्थियों को करना होगी रिपोर्टिंग, एहतियातन हर केंद्र पर की जाएगी थर्मल स्कैनिंग
उज्जैन. माध्यमिक शिक्षा मंडल की स्थगित हुई 12वीं की परीक्षाओं को कराने की तैयारियां शुरू हो गई है। 9 से 15 जून तक यह परीक्षाएं होंगी। विद्यार्थियों को केंद्र पर एक घंटे पहले रिपोर्टिंग करना पड़ेगी ताकि उनकी ठीक से जांच होने के बाद बैठक व्यवस्था के आधार पर उन्हें सुरक्षित ढंग से परीक्षा केंद्र पर बैठाया जा सके।
उज्जैन जिले में 90 केंद्रों पर 19988 विद्यार्थियों की यह परीक्षा होगी। 9 से 15 जून तक चलने वाली इस परीक्षा में सुबह 9 से 12 बजे तक और दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक की शिफ्ट में परीक्षाएं आयोजित करवाई जाएंगी। जिला शिक्षा अधिकारी रमा नाहटे ने बताया मंडल के निर्देशानुसार संक्रमण से बचाव के लिए पूरी एहतियात बरती जाएगी। प्रत्येक केंद्र पर थर्मल स्कैनिंग होगी। इसके लिए थर्मल स्कैनिंग मशीन खरीदने का काम शुरू हो गया है। इसकी राशि मंडल द्वारा दी जाएगी। वहीं हर केंद्र पर साबुन, सैनिटाइजर की भी व्यवस्था रहेगी। बैठक व्यवस्था इस प्रकार करने के निर्देश दिए हैं कि कम से कम 6 फीट का दायरा सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर रहे। एक-दो दिन में बैठक व्यवस्था पूरी करके केंद्रों पर निरीक्षण कर जायजा भी लिया जाएगा।
दौलतगंज स्कूल का केंद्र
बदल माधव कॉलेज बनाया
शहर में तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों के बाद परीक्षा कराने को लेकर विभाग को भी मशक्कत करना पड़ रही है। शाउमावि दौलतगंज भी परीक्षा का केंद्र था लेकिन यह स्कूल कंटेंनमेंट एरिया में आ चुका है, जिसके कारण जिला शिक्षा विभाग में इस केंद्र को बदलकर माधव कॉलेज में नया केंद्र बनाया है ताकि विद्यार्थियों को भी ज्यादा दूरी तय नहीं करना पड़े। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक परीक्षा शुरू होने के कुछ दिन पहले तक आवश्यकता पड़ने पर केंद्रों को बदला जा सकता है।
मंडल की जल्दी से विद्यार्थियों को होगी यह परेशानी
कॉलेज और विश्वविद्यालयों में सितंबर-अक्टूबर के बीच नए सत्र शुरू करने की घोषणा की जा चुकी है। वहीं सीबीएससी ने भी जुलाई में स्थगित परीक्षाएं रखी हैं लेकिन मंडल जून में ही परीक्षाएं करवा रहा है, जिससे विद्यार्थियों के साथ पालक भी परेशान हैं। }केंद्र बदलने के लिए भी केवल उन विद्यार्थियों को राहत मिली है जो एक जिले से दूसरे जिले में हैं। वह संबंधित जिले में समीपस्थ केंद्र को चुन सकते हैं लेकिन अधिकांश विद्यार्थी ऐसे हैं जो दूरदराज के इलाकों से आकर शहर में पढ़ते हैं।