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एम के पहले आया महाकाल मंदिर प्रबंध समिति सदस्यों को हटाने का आदेश, बंद कमरे में हुई मंत्रणा
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के शुक्रवार को शहर आने के पहले ही महाकाल मंदिर समिति के तीन मनोनीत सदस्यों को हटाने का आदेश मंदिर में पहुंच गया। इसी के साथ तीन नए सदस्यों के मनोनयन की भी जोड़-तोड़ शुरू हो गई। इस संबंध में मंदिर की धर्मशाला के बंद कमरे में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ हुई चौहान की बैठक में नामों की सूची देने की भी चर्चा है। माना जा रहा है कि नाम तय होने से जल्दी नए सदस्यों की घोषणा की जा सकती है।
मंदिर समिति में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने पं. आशीष शर्मा, दीपक मित्तल और पं. विजयशंकर पुजारी को सदस्य नियुक्त किया था। यह आदेश 8 मार्च 2019 को जारी हुआ था। कमलनाथ सरकार जाने के बाद यह माना जा रहा था कि मंदिर समिति के इन सदस्यों की सदस्यता भी समाप्त कर दी गई है क्योंकि बाद में हुई समिति की दो बैठकों में इन्हें आमंत्रित नहीं किया था लेकिन सरकार की ओर से इस तरह का कोई आदेश नहीं आने से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। चौहान की यात्रा को देखते मंदिर के जो पुजारी, पुरोहित व अन्य लोग समिति में आने के लिए जोड़-तोड़ में लगे हैं, उन्होंने प्रशासन के सामने यह सवाल खड़ा किया था कि कांग्रेस द्वारा नियुक्त सदस्यों को अब तक क्यों नहीं हटाया गया है। इसके बाद अध्यात्म विभाग मप्र शासन की उप सचिव नीता राठौर ने 14 जुलाई को इन सदस्यों के मनोनयन आदेश को निरस्त करने का आदेश जारी किया।
यह आदेश शुक्रवार को मंदिर समिति और जिला प्रशासन को उस समय मिला जब सीएम के शहर आने की तैयारी हो गई थी। सीएम के आने पर उनसे नई मंदिर समिति गठित करने को लेकर भी बातचीत की गई है। नए सदस्यों के नामों की सूची भी उन्हें दी गई है। धर्मशाला में संघ पदाधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान उन्हें यह सूची देने की चर्चा है। इसमें संघ से जुड़े व पसंद के सदस्य मनोनीत होंगे। चौहान के साथ सह संघ चालक वी भागैया के अलावा केंद्रीय सिंहस्थ समिति के पूर्व अध्यक्ष माखनसिंह चौहान, प्रांत प्रचारक राज मोहन और मंदिर प्रबंध समिति के पूर्व सदस्य विभाष उपाध्याय की बातचीत हुई है।
संघ के टारगेट 2025 को लेकर चौहान को मिली सलाह
मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के टारगेट 2025 को लेकर सलाह मिल गई है। संघ 2025 तक देश में अपनी सदस्यता कुल जनसंख्या के 3 फीसदी से आगे ले जाना चाहता है। इसके लिए संघ की रणनीति गरीब बस्तियां और शोषित वर्ग तक पहुंच बनाना है। इस काम में सरकार के स्तर पर क्या हो सकता है, यह मार्गदर्शन शुक्रवार को संघ के सह संघ चालक वी भागैया ने दिया है। भागैया यहां 9 जुलाई से हैं। वे महाकाल मंदिर परिसर में चल रहे शिव-शक्ति यज्ञ में शामिल होने आए हैं। भागैया के आने के बाद सीएम के शहर आने की चर्चा चल रही थी। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर व्यस्त होने के कारण वे यज्ञ की शुरुआत में नहीं आ सके।
शुक्रवार को चौहान ने महाकालेश्वर के दर्शन के बाद यज्ञ में भाग लिया। वहां से वे धर्मशाला पहुंचे। संघ सूत्रों का कहना है संघ का टारगेट सदस्यता बढ़ाना है। इसी दिशा में चौहान को मार्गदर्शन दिया गया है। माना जा रहा है कि मप्र सरकार के कार्यक्रमों में पिछड़ी बस्तियों, दलित-शोषित वर्ग के लिए नई योजनाएं लाई जा सकती हैं ताकि इन वर्गों को संघ और भाजपा से जोड़ा जा सके। संघ पदाधिकारियों ने यज्ञ के लिए की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा भी की। मंदिर समिति के खर्च पर 9 जुलाई से शिव-शक्ति अनुष्ठान चल रहा है। इसमें संघ के सह संघ चालक भागैया व केंद्रीय सिंहस्थ समिति के पूर्व अध्यक्ष माखनसिंह चौहान नियमित रूप से यज्ञ में शामिल हो रहे हैं। शिव और शक्ति के नौ दिवसीय इस यज्ञ की पूर्णाहुति 18 जुलाई को होगी।
देहली से दर्शन, भीड़ को रोका
शुक्रवार दोपहर सीएम ने महाकालेश्वर मंदिर पहुंच कर बाबा महाकाल के गर्भगृह की देहली से दर्शन किए। उनके साथ उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव व नगर व जिला भाजपा अध्यक्ष थे। बाद में सांसद अनिल फिरोजिया भी पहुंचे। चौहान ने जल द्वार से आकर गर्भगृह की देहली से भगवान महाकाल के दर्शन किए और नंदीगृह में आकर बैठ गए। उनके साथ आए अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को बाहर ही रोक दिया गया था।
सुरक्षा गार्डों को सम्मान देंगे
मंदिर से रवाना होने के पहले सीएम ने मंदिर समिति के उन निजी सुरक्षा गार्डों को धन्यवाद और बधाई दी, जिन्होंने कानपुर के दुर्दांत विकास दुबे को पकड़ा था। सुरक्षा प्रभारी रूबी यादव ने बताया सीएम ने उनके इस काम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा गार्डों को अलग से सम्मानित किया जाएगा।
वीसी में सीएम के निर्देश
डाॅक्टर घर पर जाकर इलाज करें
सामान्य लक्षण वाले रोगियों को होम कोरोंटाइन और होम आइसोलेशन में रखा जाए। डॉक्टर घरों में जाकर उन्हें देखते रहें। अब आवश्यकता इस बात की है कि कोरोना संक्रमण से किसी भी मरीज की मृत्यु ना हो। इसके लिए पुख्ता रणनीति बनाकर कार्य करें। यह निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दिए। वे शुक्रवार को उज्जैन के एनआईसी कक्ष से वीसी के जरिए प्रदेश में कोरोना की रोकथाम की समीक्षा कर रहे थे। शुरुआत उन्होंने उज्जैन जिले से की। बोले कि प्रशासन की सजगता के कारण स्थिति नियंत्रित हो गई है।
कांग्रेस को डूबता हुआ जहाज कहा
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि कांग्रेस आज डूबता जहाज है। उनके नेताओं पर कांग्रेस के विधायकों का विश्वास नहीं रहा है। कांग्रेस में भगदड़ मची हुई है। एक जगह नहीं कई जगह से कांग्रेसी विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं। कांग्रेस को सोचना चाहिए कि क्यों उनके विधायक उनका साथ छोड़ रहे हैं। कांग्रेस के 22 विधायकों के भाजपा में शामिल होने से जुड़े सवाल पर सीएम बोले कि इससे भाजपा का कोई लेना देना नहीं था। कांग्रेस में फूट थी। कांग्रेस से नाराज होकर विधायकों ने पार्टी छोड़ी।
डॉ. यादव को कार्यक्रम के बीच से भोपाल भेजा : मुख्यमंत्री चौहान ने उज्जैन प्रवास के दौरान बीच में ही उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव को भोपाल रवाना कर दिया। भोपाल में एक विधायक के भाजपा में आने का मामला था। चौहान ने उन्हें भोपाल जाकर व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी। पत्रकार वार्ता के दौरान डॉ. यादव ने विधायक पारस जैन को अलग बैठे देखा तो उन्हें बुलाकर मंच पर बैठाया।
हमें नियमित करो- अतिथि शिक्षक
उज्जैन प्रवास पर आए मुख्यमंत्री चौहान से अतिथि शिक्षकों के हित में नीति बनाकर नियमित करने आैर अतिथि शिक्षकों की अन्य समस्याओं के निराकरण करने की मांग की। अतिथि शिक्षक समन्वय समिति जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के अलावा अन्य मांगेंं भी की गई।