ओणम पर्व : घरों के बाहर सजी रंगोली, केरल वासियों ने मनाई खुशियां

उज्जैन | . केरल वासियों के सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े ओणम पर्व पर बुधवार को शहर में रहने वाले मलयाली परिवारों में खुशियां मनाई गईं। घरों के बाहर फूलों की आकर्षक रंगोली सजाई और केले के पत्तों पर स्वादिष्ट व्यंजन परोसे गए। वहीं ऋषिनगर स्थित पुष्पा मिशन अस्पताल में सेवारत नर्सों ने शाम को मलयाली गीतों पर नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिसे वहां मौजूद स्टॉफ सदस्यों ने सराहा। उज्जैन मलयाली एसो. के अध्यक्ष जस्टिन सालस एवं सचिव सी. राधाकृष्णन ने सभी को पर्व की शुभकामनाएं दीं।

 

ओणम मिलन समारोह 15 को

15 सितंबर को शर्मा परिसर में ओणम मिलन समारोह एवं स्नेह भोज का आयोजन होगा, जिसमें बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। अयप्पा मंदिर, पुष्पा मिशन सहित अन्य परिवारों में फूलों की मनमोहक रंगोली बनाई गई।

 

राजा महाबली के समान हो शासन

संस्था सचिव सी. राधाकृष्णन ने समाजजन से आह्वान किया कि राजा महाबली के शासनकाल में जैसे भ्रष्टाचार, चोरी, कपट से मुक्त देश की उन्नति में सहभागी बनें।

 

10 दिन तक मनाया जाता है उत्सव

ओणम का उत्सव 10 दिन तक मनाया जाता है। अत्तम के रोज से शुरू होकर तिरुओणम तक का उत्सव फूलों की रंगोली घर-घर सजाकर कला-संस्कृति, खेल एवं केरलीय पकवानों का संपुष्टता से मनाया जाता है। ओणम के दिन विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन किया जाता है। जिसमें मुख्य रूप से पुली-कली (शेर का मुखौटा नृत्य), नौका दौड़, झूला झूलना, महिलाओं द्वारा तिरूवातीरा नृत्य मुख्य है। केरलवासी नए वस्त्र पहनकर त्योहार के दौरान अपने रिश्तेदारों व मित्रों से मिलने निकलते हैं और हैप्पी ओणम बोलते हैं।

 

ये होते हैं केरल के स्वादिष्ट पकवान

ओणम के विशिष्ट पकवानों में पच्चड़ी, खिचड़ी, अवीयल, तोरन, इंजी, करी, नारंगा, शर्करावटी, उपेरी, केला, पापड़, चावल, दाल, घी, सांभर, अडा प्रधमन, पुलीसैरी, पच्चामौर एवं रसम शामिल हैं। भोजन केलों के पत्तों पर परोसा जाता है तथा पूरा परिवार एकसाथ भोजन करता है।

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