कथक के रंगों ने भी दर्शकों का मन मोह लिया

अखिल भारतीय कालिदास समारोह की पांचवी सन्ध्या सितार और कथक के नाम रही। उज्जैन की प्रतिभा रघुवंशी एवं दल द्वारा नदियों पर आधारित नृत्य नाटिका शिप्रा प्रवाह की प्रस्तुति दी गई। नई दिल्ली से आये सितार वादक शुभेन्द्र राव ने अपने सितार वादन से संगीत की मधुर स्वर लहरियां बिखेरी। वहीं जयपुर की कथक नृत्यांगना शशि सांखला एवं साथियों ने अपने कथक नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया।

यह प्रस्तुति राजस्थान की पारम्परिक बंदिश पर आधारित थी। उनकी शिष्या रीमा गोयल ने सांगीतिक नृत्य रचना की प्रस्तुति कार्यक्रम में दी। इस दौरान तबले पर उस्ताद जफर तथा उस्ताद मुजफ्फर रहमान ने संगत की। सितार पर हरिहरशरण भट्ट ने साथ दिया। गायन रमेश मेवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन अशोक वक्त ने किया।

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