कलश पूजन के बाद निकली यात्रा, रंगोली से सजे मार्ग

उज्जैन । अभा कालिदास समारोह का शहरवासियों को आमंत्रण देने के लिये एक दिन पूर्व शिप्रा तट से कलश यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से निकाली गई। खास बात यह कि यात्रा मार्ग के पर संस्कार भारती के कलाकार आकर्षक रंगोली बनाते चल रहे थे वहीं लोक कला मण्डल के कलाकारों ने आकर्षक प्रस्तुतियां भी दीं।
प्रात: 7.30 बजे शिप्रा तट पर कलश पूजन के दौरान विधायक मोहन यादव, कुलपति सहित विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी उपस्थित रहे। पूजन के पश्चात महाकाल ध्वज और आकर्षक झांकियों का कारवां रामघाट से प्रारंभ हुआ। कलश को बग्घी में रखा गया था। महाकाल मंदिर के सामने से यात्रा गुदरी, पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, छत्रीचौक, कंठाल होते हुए चामुण्डा माता पहुंची।

कलश यात्रा में सबसे आगे कड़ाबीन और घोड़े चल रहे थे। जिसके पीछे ढोल की थाप पर लोक कला मण्डल के गिरधारीलाल गेहलोत अपनी मण्डली के साथ आकर्षक नृत्य प्रस्तुति देते हुए निकले। कलश यात्रा में शहर के विभिन्न शासकीय और अशासकीय विद्यालयों के कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थी शामिल हुए। इसके पीछे झांकियां चल रही थी। पूरे यात्रा मार्ग पर संस्कार भारती के कलाकार आकर्षक रंगोली बना रहे थे वहीं सामाजिक व राजनेतिक, व्यापारिक संगठनों के सदस्यों ने कलश यात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

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