कलेक्टर की मानवीयता… प्रभावितों को फिर से मकान ठीक कराकर देंगे…

उज्जैन। बेरहम नगर निगम और पुलिस अफसरों की अमानवीयता का शिकार बने सरदारपुरा स्थित चाल के रहवासियों ने कलेक्टर आशीष सिंह से गुहार लगाई जिसके बाद कलेक्टर ने मानवीयता दिखाते हुए लोगों को फिर से मकान बनाकर देने का आश्वासन दिया। सुबह नगर निगम और पुलिस के अफसर तिलमिलाते हुए सरदारपुरा पहुंचे, रहवासियों के साथ इन्होंने ठीक से बात नहीं की सब इंजीनियर और देवासगेट टीआई ने भी लोगों के साथ डांट फटकार के लहजे में गुमराह करने वाली बातें कहीं। इन सबके बीच चाल से मलबा हटाने का काम शुरू हुआ।

रहवासियों ने बताया कि कलेक्टर ने हमारी गुहार सुनकर पुन: मकान ठीक कराकर देने का आश्वासन दिया था, लेकिन सुबह नगर निगम की सब इंजीनियर संगीता पंवार और उनके सहकर्मी रायकवार ने हमें बताया कि सिर्फ एक महिला भागवंताबाई का मकान बनेगा बाकि सब लोगों को मकान बनवाना हो तो फिर से कलेक्टर से लिखवाकर लाओ। देवासगेट थाना प्रभारी ने भी हाईपर होकर बातचीत की। जब भागवंताबाई और अन्य महिलाएं अपने घर में हुए नुकसान की जानकारी देने के लिये संगीता पंवार को मलबे की ओर ले जा रही थीं तो सब इंजीनियर पंवार ने उन्हें डांटते हुए कहा कि आप लोग मेरे साथ मारपीट कर रहे हैं। सहकर्मी से कहा कि इनका वीडियो बनाओ। रहवासियों के अनुसार देवासगेट थाने का पुलिस फोर्स टीआई व सीएसपी के साथ मौजूद था। टीआई द्वारा भी हमसे नाराजगी जाहिर करते हुए धमकी भरे लहजे में कहा गया कि जो कागज आप लोगों के पास है वह झूठे भी हो सकते है। इन सबके बीच नगर निगम की जेसीबी से टूटे मकानों का मलबा हटाने का काम शुरू हुआ।

रहवासियों को गुमराह किया सब इंजीनियर ने…

जानकारी भवन अधिकारी भार्गव से लें

मौके पर मौजूद नगर निगम की सब इंजीनियर संगीता पंवार से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि यहां किस तरह निर्माण होगा, कितने मकान बनेंगे इसकी जानकारी मुझे नहीं है, मैं अधिकृत बयान नहीं देसकती। इसके लिये भवन अधिकारी पीयूष भार्गव से चर्चा करें, जबकि इन्होंने ही यहां के रहवासियों को कहा था कि सिर्फ एक मकान बनेगा।

सरदारपुरा के रहवासियों को कलेक्टर के आदेश की जानकारी मिली तो उन्होंने मोबाइल के माध्यम से अक्षरविश्व को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारा पुलिस प्रशासन के साथ मीडिया से विश्वास उठ गया था लेकिन अक्षरविश्व द्वारा की गई कवरेज और समाचार प्रकाशन के बाद कलेक्टर ने जो निर्देश दिए उसके लिए हम धन्यवाद और आभार व्यक्त करते हैं

पुलिस और नगर निगम अफसरों की लापरवाही व समन्वय में कमी के चलते मंगलवार को सरदारपुरा में रहने वाले बदमाश का मकान तोडऩे के दौरान चार अन्य लोगों के मकान भी तोड़ दिए गए जिसके बाद हालात ऐसे बने कि गरीबों को सर्द रात में खुले आसमान के नीचे अपने ही मकान के मलबे के ढेर पर रात गुजारना पड़ी अक्षरविश्व द्वारा गरीबों की आवाज को प्रमुखता से उठाते हुए समाचार प्रकाशित किया गया जिसका परिणाम यह निकला कि समाचार प्रकाशित होने के 5 घंटे बाद ही कलेक्टर आशीष सिंह ने अफसरों की गलती मानते हुए उसी जगह पर तोड़े गए मकानों को फिर से ठीक कराकर उक्त लोगों को लौटाने का आश्वासन दिया।

पुलिस और नगर निगम द्वारा तोड़े गये मकानों का कवरेज करने सरदारपुरा पहुंची अक्षरविश्व की टीम को रहवासियों ने रोते हुए घटना का विवरण बताया साथ ही देवास गेट थाना प्रभारी राममूर्ति शाक्य और नगर निगम के इंजीनियर पीयूष भार्गव की करतूतों की जानकारी देते हुए कहा था कि हम अफसरों के सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी, कार्रवाई के दौरान आलम ऐसा था कि हमें पुलिस ने घर का सामान निकालने की मोहलत तक नहीं दी, जिसका परिणाम यह हुआ कि लाखों रुपए कीमत का घरेलू सामान मलबे में दब गया। सरदारपुरा के रहवासियों ने खुले आसमान के नीचे सर्द रात में अपने ही मकानों के मलबे के ढेर पर रात गुजारी उनकी आंखों में सिर्फ आंसू थे और रहवासी बार-बार अक्षर विश्व की टीम से मदद की गुहार लगा रहे थे उनका कहना था कि पूरी रात भूखे प्यासे गुजर गई पुलिस और प्रशासन या नगर निगम के अफसर या कोई नेता हमारी सुध लेने तक नहीं आया अब आप ही सच्चाई को प्रमुखता से प्रकाशिात करें ताकि प्रशासन तक हमारी आवाज पहुंच पाए

अक्षरविश्व ने निभाई जिम्मेदारी

अक्षरविश्व द्वारा हमेशा से गरीबों वंचितों पिछड़ों सहित समाज के हर वर्ग की समस्या और आवाज को प्रमुखता से प्रकाशित करते हुए शासन और प्रशासन में बैठे अफसरों तक उनकी आवाज पहुंचाई जाती है इसी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए अक्षरविश्व की टीम ने पूरे मामले का निष्पक्ष कवरेज किया और समाचार प्रमुखता से प्रकाशित कर गरीबों की आवाज कलेक्टर तक पहुंचाई गई जिसका परिणाम यह हुआ कि 5 घंटे बाद ही कलेक्टर ने फोन पर नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावितों के मकान पूर्व जैसी स्थिति में तैयार कर दिए जाएं। इसके लिए काम शुरु करने के लिए समय सीमा भी तय कर दी।

पुलिस और नगर निगम अफसरों की लापरवाही व समन्वय में कमी के चलते मंगलवार को सरदारपुरा में रहने वाले बदमाश का मकान तोडऩे के दौरान चार अन्य लोगों के मकान भी तोड़ दिए गए जिसके बाद हालात ऐसे बने कि गरीबों को सर्द रात में खुले आसमान के नीचे अपने ही मकान के मलबे के ढेर पर रात गुजारना पड़ी अक्षरविश्व द्वारा गरीबों की आवाज को प्रमुखता से उठाते हुए समाचार प्रकाशित किया गया जिसका परिणाम यह निकला कि समाचार प्रकाशित होने के 5 घंटे बाद ही कलेक्टर आशीष सिंह ने अफसरों की गलती मानते हुए उसी जगह पर तोड़े गए मकानों को फिर से ठीक कराकर उक्त लोगों को लौटाने का आश्वासन दिया।

पुलिस और नगर निगम द्वारा तोड़े गये मकानों का कवरेज करने सरदारपुरा पहुंची अक्षरविश्व की टीम को रहवासियों ने रोते हुए घटना का विवरण बताया साथ ही देवास गेट थाना प्रभारी राममूर्ति शाक्य और नगर निगम के इंजीनियर पीयूष भार्गव की करतूतों की जानकारी देते हुए कहा था कि हम अफसरों के सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी, कार्रवाई के दौरान आलम ऐसा था कि हमें पुलिस ने घर का सामान निकालने की मोहलत तक नहीं दी, जिसका परिणाम यह हुआ कि लाखों रुपए कीमत का घरेलू सामान मलबे में दब गया।

सरदारपुरा के रहवासियों ने खुले आसमान के नीचे सर्द रात में अपने ही मकानों के मलबे के ढेर पर रात गुजारी उनकी आंखों में सिर्फ आंसू थे और रहवासी बार-बार अक्षर विश्व की टीम से मदद की गुहार लगा रहे थे उनका कहना था कि पूरी रात भूखे प्यासे गुजर गई पुलिस और प्रशासन या नगर निगम के अफसर या कोई नेता हमारी सुध लेने तक नहीं आया अब आप ही सच्चाई को प्रमुखता से प्रकाशिात करें ताकि प्रशासन तक हमारी आवाज पहुंच पाए

अक्षरविश्व ने निभाई जिम्मेदारी

अक्षरविश्व द्वारा हमेशा से गरीबों वंचितों पिछड़ों सहित समाज के हर वर्ग की समस्या और आवाज को प्रमुखता से प्रकाशित करते हुए शासन और प्रशासन में बैठे अफसरों तक उनकी आवाज पहुंचाई जाती है इसी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए अक्षरविश्व की टीम ने पूरे मामले का निष्पक्ष कवरेज किया और समाचार प्रमुखता से प्रकाशित कर गरीबों की आवाज कलेक्टर तक पहुंचाई गई जिसका परिणाम यह हुआ कि 5 घंटे बाद ही कलेक्टर ने फोन पर नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावितों के मकान पूर्व जैसी स्थिति में तैयार कर दिए जाएं। इसके लिए काम शुरु करने के लिए समय सीमा भी तय कर दी।

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