कांवडिय़ों का महाकाल में 4 घंटे हंगामा

उज्जैन। बरेली से औंकारेश्वर होते हुए कांवड़ में जल भरकर भगवान महाकालेश्वर को जल चढ़ाने की मांग पर सुबह 160 लोग जिद पर अड़ गये। जब मंदिर के सहायक प्रशासक ने इस प्रकार का प्रावधान नहीं होने की बात कही तो कांवडिय़ों के साथ आए महंत ने परमिशन लेटर दिखाया और सभा मंडप में धरने पर बैठ गये।
यहां मंदिर के अधिकारी व पुजारियों द्वारा कांवडिय़ों को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन वे नहीं माने। मंदिर प्रशासक अवधेश शर्मा को बुलाया गया। उन्होंने कांवडिय़ों को नंदीगृह के पीछे रेलिंग से दर्शन कराने का निर्णय लिया और कांवडिय़ों को अंदर प्रवेश कराया। यहां मामला उलझ गया क्योंकि कांवडिय़े गर्भगृह में जाना चाहते थे जब उन्हें बाहर निकाला गया तो वे रेलिंग में ही धरने पर बैठ गये। यहां एक घंटे कांवडिय़े रेलिंग में बैठे रहे इस दौरान मंदिर प्रशासक, सहायक प्रशासक और पुलिस अधिकारी उन्हें बाहर निकालने की योजना बनाते रहे और जैसे ही 10.30 बजे भगवान की आरती संपन्न हुई तो अतिरिक्त पुलिस फोर्स की मदद से कांवडिय़ों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
उपमहंत हरदेव गंगवार निवासी बरेली अपने साथ 160 लोगों को औंकारेश्वर से नर्मदा का जल कांवड़ में भरकर महाकालेश्वर मंदिर आये थे। सुबह 7 बजे कांवडिय़ां चांदीगेट तक कतारबद्ध खड़े हो गये।

यहां से उनके द्वारा गर्भगृह में जाने की मांग की गई। सहायक प्रशासक आशुतोष गोस्वामी ने उन्हें रोक दिया साथ ही मंदिर की व्यवस्था से अवगत कराया तो हरदेव गंगवार ने कहा कि हमसे पहले आई कावड़ यात्रा के लोगों को गर्भगृह में प्रवेश दिया गया तो हमें भी अनुमति दी जाये। सहायक प्रशासक गोस्वामी ने उपमहंत गंगवार को बताया कि गर्भगृह से दर्शन के लिये 1500 रुपये शुल्क देकर रसीद बनवाना पड़ती है तो हरदेव गंगवार ने सीधे तौर पर आरोप लगा दिया कि जो 50 से अधिक कांवडिय़े गर्भगृह में जल चढ़ाने गये उन्होंने भी शुल्क देकर रसीद ली थी।

इस पर सहायक प्रशासक गोस्वामी ने निरूत्तर हो गये और उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि किसी को भी गर्भगृह में नहीं जाने देंगे। यह सुनकर हरदेव गंगवार ने अपने साथ आये सभी कांवडिय़ों को अपने-अपने स्थान पर बैठकर धरना देने को कह दिया। सभा मंडप में कांवडिय़े करीब 9 बजे बाद तक बैठे रहे। इस दौरान मंदिर के पुजारियों ने उपमहंत गंगवार को समझाते हुए मंदिर की व्यवस्था का हवाला दिया और यह भी बताया कि गर्भगृह में प्रवेश निषेध रहता है। आप लोग जलपात्र में कांवड़ का जल डाल दें। यही जल भगवान तक पहुंच रहा है, लेकिन कांवडिय़ों ने नहीं सुनी।

प्रशासक की योजना बिगड़ी
कांवडिय़ों द्वारा दिये जा रहे धरने की जानकारी मंदिर प्रशासक अवधेश शर्मा को लगी तो वह सभा मंडप पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों को अलर्ट करते हुए कांवडिय़ों को उठाकर नंदीगृह के पीछे रेलिंग से दर्शन कराने के निर्देश दिये। इसके लिये वह स्वयं भी मौके पर खड़े रहे। कांवडिय़ों को जब पता चला कि मंदिर में प्रवेश हो रहा है तो सभी खुशी खुशी कतारबद्ध होकर रेलिंग में पहुंच गये यहां से कांवडिय़ों को भगवान के दर्शन कराते हुए सुरक्षाकर्मियों व पुलिसकर्मियों द्वारा बाहर निकाला जा रहा था तो वह समझ गये कि गर्भगृह में प्रवेश नहीं हो रहा और उन्होंने फिर हंगामा शुरू कर दिया।

इस दौरान सामान्य दर्शनार्थियों में आपाधापी मच गई। करीब 15 मिनिट तक नंदीगृह के पीछे रेलिंग से लेकर निर्गम मार्ग में हंगामा चला। प्रशासक शर्मा ने कांवडिय़ों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं हुए और रेलिंग में ही धरने पर बैठ गये। इस तरह सभा मंडप से चलाकर कांवडिय़ों को रेलिंग से दर्शन के बाद बाहर निकालने की प्रशासक शर्मा द्वारा बनाई गई योजना बिगड़ गई।

किसी की नहीं सुनी कांवडिय़ों ने
रेलिंग में धरना देकर बैठे कांवडिय़ों को प्रशासक अवधेश शर्मा ने समझाया और कहा कि पांच लोगों को गर्भगृह में प्रवेश देते हैं, बाकि लोग बाहर से दर्शन करें लेकिन वह नहीं माने। सभी कांवडिय़े गर्भगृह में जाने की जिद पर अड़े रहे। हालांकि इस दौरान सामान्य दर्शनार्थियों की दर्शन व्यवस्था यथावत चलती रही। सहायक प्रशासक, पुलिस अधिकारियों ने भी उन्हें समझाया, कर्मचारियों ने हाथ जोड़कर व्यवस्था में सहयोग की अपील की लेकिन कांवडिय़े जिद पर अड़े रहे।

आरती के बाद दिखाया दम
कांवडिय़ों को सुबह की भोग आरती तक रेलिंग में ही बैठने दिया और अधिकारियों ने आरती के दौरान ही योजना बनाई कि किस प्रकार इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाये। उसके बाद अतिरिक्त पुलिस फोर्स को नंदीगृह में तैनात किया गया। मंदिर प्रशासक, सीएसपी ने अंतिम बार कांवडिय़ों के महंत, उपमहंत को समझाया। नहीं मानने पर कांवडिय़ों की मनमानी को नकारते हुए उन्हें धकेलकर बाहर निकालने का निर्णय हुआ। करीब 10 मिनिट के अंदर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में कांवडिय़ों को मंदिर से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

भाजपा विधायक का फोटो लगा बैज दिखाया
कांवडिय़ों के गले में यूपी के भाजपा विधायक के फोटो लगे बैज लटके थे जबकि कुछ कांवडिय़ों ने श्री महाकाल सेवा मण्डल औंकारेश्वर धाम से महाकालेश्वर उज्जैन पदयात्रा के बैज गले में लटका रखे थे। मंदिर कर्मचारियों ने बताया कि बरेली से उक्त कांवडिय़े प्रतिवर्ष हंगामा करते हैं। कुछ वर्षों पूर्व इन्हीं कांवडिय़ों ने मंदिर में हंगामा किया था। तत्कालिन सीएसपी द्वारा बल प्रयोग कर इन्हें खदेड़ा गया था।

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