कैंसर के 50 इंजेक्शन सहित 16 लाख की 102 तरह की दवाइयां एक्सपायर्ड

उज्जैन । सिविल सर्जन स्टोर में बगैर डिमांड के दवाइयां खरीदी। यहां कैंसर के 50 इंजेक्शन सहित 16 लाख रुपए की 102 प्रकार की दवाइयां एक्सपायर्ड हो गई। इनसें 6120 मरीजों का इलाज हो सकता था। ये दवाइयां सर्दी-खांसी, बुखार, पेट दर्द में काम आ सकती थी। एक्सपायर्ड हुई दवाई में आईवी फ्लूड बॉटल भी है। स्टोर में रखी कुछ दवाइयों में फंगस लगी है। दवाइयों की 17 जनवरी, 17 फरवरी, 17 मार्च व 17 अप्रैल को अवसान तिथि थी।
यह खुलासा भोपाल से आए औषधि प्रकोष्ठ के अधिकारियों की जांच में शुक्रवार को हुआ है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट भोपाल मुख्यालय भेज दी है। आवश्यकता से अधिक दवाई खरीदी का खुलासा भास्कर ने 22 फरवरी को किया था। उसके बाद एमपी पब्लिक हेल्थ कार्पोरेशन लिमिटेड व वित्त विभाग भोपाल ने जांच शुरू की थी। इसमें सिविल सर्जन स्टोर्स से दवाई खरीदी के दस्तावेज तलब किए थे। वित्त विभाग ने कार्योत्तर स्वीकृति यानी फर्मों का जो भुगतान बकाया था, उसके लिए राशि स्वीकृत करने से इंकार कर दिया था। आॅडिट आपत्ति भी आई थी। बुधवार से आए औषधि प्रकोष्ठ के हिमांशु त्रिपाठी डिप्टी मैनेजर गुणवत्ता, सोमनाथ चटोपाध्याय सलाहकार एनएचए व आईटी के साहवाज अहमद ने तीन दिन की जांच में पाया आवश्यकता से अधिक दवाई खरीदी। रखरखाव नहीं किया। एक्सपायर्ड होने पर नियमों का पालन करते हुए नष्ट नहीं किया।

जिम्मेदारों पर करेंगे कार्रवाई
डिमांड के बगैर ही दवाइयां खरीदी है। लाखों की दवाइयां एक्सपायर्ड मिली हैं। इसके लिए जो जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है। यदि दवाइयां एक्सपायर्ड होती हैं तो उसके लिए विनिष्टीकरण समिति गठित की जाती है। वह दवाइयों का वैल्यूएशन निकालती है, उसके बाद उन्हें नष्ट किया जाता है। – डॉ.इंद्रजीत सिकरवार, डिप्टी डायरेक्टर, औषधि प्रकोष्ठ

गद्दे भी फेंक दिए
अस्पतालों में जहां मरीजों को गद्दे नहीं मिल पा रहे हैं, वहीं स्टोर में रखे गद्दे पड़े-पड़े ही खराब हो गए। ऐसी स्थिति में उन्हें भस्मक यंत्र के बाहर फेंकना पड़ा।

नहीं मिला लेखा-जोखा
स्टोर में 3 लाख की दवाइयों का लेखाजोखा नहीं मिल रहा। दवाइयां मंगवाई थी तो कहां गई। अफसरों ने कहा इंट्री नहीं मिली तो दवाइयों का गायब होना माना जाएगा।

रिपोर्ट भोपाल भेजी
डिप्टी डायरेक्टर इंद्रजीत सिकरवार व वित्त विभाग के एडि. डायरेक्टर डॉ. राजीव सक्सेना ने जांच अधिकारियों से चर्चा की, उनसे रिपोर्ट लेकर भोपाल भेज दिया।

नियमों के विपरीत दवाई खुले में फेंक दी, जला दी
स्टोर के संचालकों ने दवाइयों के विनिष्टीकरण नियम के विपरीत जाकर इन्हें खुले में भस्मक यंत्र के समीप फेंक दिया। गड्ढा खोदकर जला दिया। सीएमएचओ स्टाेर के सामने स्थित दो सैप्टिक टैंक में दवाइयां भर दी।

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