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गंभीर डैम में 63 दिन का पानी शेष, चैनल कटिंग से बुझेगी प्यास
उज्जैन | यदि मानसून समय से आया तो गंभीर डैम इस बार बारिश तक शहर की प्यास एक दिन छोड़कर बुझाता रहेगा। फिलहाल डैम में ४४४ एमसीएफटी पानी संग्रहित है। यूं तो शहर में एक दिन छोड़कर जलप्रदाय हो रहा है, लेकिन गर्मी में वाष्पीकरण व सीपेजिंग के कारण रोजाना डैम से औसत ७ एमसीएफटी पानी कम हो रहा है। इस मान से ६३ दिन जितना पानी बचा है। वहीं कैचमेंट एरिया के दूरदराज इलाकों में जमा पानी को मुख्य धारा से जोडऩे पीएचई ने चैनल कटिंग शुरू करवा दी है, जिसके जरिए बूंद-बूंद पेयजल सहेजा जा रहा है।
पिछली बारिश में गंभीर के पूर्ण क्षमता से नहीं भरे जाने के कारण निगम प्रशासन ने समय रहते एक दिन छोड़कर जलप्रदाय व्यवस्था लागू कर दी थी। इस कारण अब तक ठीक मात्रा में जल उपलब्ध है। कुछ इलाकों को छोड़ दें तो शहर के अधिकांश क्षेत्र पर्याप्त प्रेशर से पानी मिल रहा है। जरूरत पडऩे पर पीएचई गऊघाट से शिप्रा जल भी सप्लाई में उपयोग लेता है। इससे गंभीर जल का संतुलन बना रहता है। पीएचई उपयंत्री राजीव शुक्ला के अनुसार ग्राम एरवास में छूटे हुए पानी को आगे लाने के लिए चैनल कटिंग जारी है। आसपास के गांव में भी नहर बनाकर पानी आगे लिया जा रहा है। ताकी संग्रहित हर बंूद उपयोग में ली जा सकें।
पिछले साल ३९९ एमसीएफटी था
पिछले साल १८ मई की स्थिति में डैम में ३९९ एमसीएफटी पानी संग्रहित था। जो इस बार से ४५ एमसीएफटी कम है। फिर भी पीएचई अधिकारियों को भरोसा है कि शहर में पेयजल संकट नहीं होने देंगे। २० जून तक मानसून आने की संभावना रहती है। इस समय तक मौजूदा सिस्टम अनुरूप जलप्रदाय होता रहेगा।