गजलक्ष्मी मंदिर: हाथी अष्टमी पर श्रद्धालु माँ गज लक्ष्मी के दर्शन को पहुंचे

श्राद्ध पक्ष की अष्टमी शुक्रवार को हाथी अष्टमी पर्व के रूप में मनाई। पुराने शहर में स्थित गज लक्ष्मी मंदिर पर दुग्धाभिषेक किया गया। वहीं घरों में लोगों ने महालक्ष्मी का पूजन किया। यह व्रत 16 दिन का होता है। राधा अष्टमी से प्रारंभ होकर हाथी अष्टमी पर पूर्ण किया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन माँ लक्ष्मी का पूजन करने से घरों में लक्ष्मी माता का स्थायी वास होता है।

पुराने शहर में नईपेठ स्थित प्राचीन गजलक्ष्मी मंदिर में शुक्रवार को सुबह 11 तक पांच पंडितों ने मंत्रोच्चार कर देवी का 251 लीटर दूध से अभिषेक किया। इस दौरान मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं ने भी अपने हाथों से माँ लक्ष्मी का दुध से अभिषेक किया। वहीं दिनभर सुहागन महिलाओं का दर्शन के लिए तांता लगा रहा। गजलक्ष्मी मंदिर में शाम को 6 से 8 बजे तक भजन किए व मां गज लक्ष्मी का सोलह श्रृंगार कर रात में महा आरती कर खीर प्रसादी वितरित की गई।

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