चार परिजनों ने एक ही पीपीई कीट का बार-बार किया उपयोग, सभी कोरोना संक्रमण की चपेट में

छोटी सी ना-समझी पड़ी पूरे परिवार पर भारी, जिसे देखने गए थे, अब संक्रमित होकर उसके साथ है भर्ती

आरडी गार्डी में उपचाररत मरीजों के परिजन अब सिर्फ फोन पर ही ले सकेंगे स्वास्थ्य की जानकारी

उज्जैन।आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज में एक मरीज कोरोना पॉजीटिव होकर भर्ती है। यहां दो दिन पूर्व तक मरीज के परिजन को पीपीई कीट पहनकर वार्ड में जाने और मरीज से मिलने/देखकर आने की छुट दी हुई थी। एक ऐसा मामला हुआ,जिसमें ना-समझी के चलते चार लोग कोरोना पॉजीटिव हो गए। यही कारण रहा कि 15 अगस्त से यहां पर कोरोना मरीज के परिजनों को मिलवाना बंद कर दिया गया है।

अब केवल मोबाइल फोन पर ही जानकारी प्राप्त की जा सकती है। या फिर मेडिकल कॉलेज पहुंचकर सम्पर्क किया जा सकता है। डॉ.सुधाकर वैद्य के अनुसार मरीजों के परिजनों को यह सुविधा दी गई थी कि अपनी पीपीई कीट लेकर आएं और मरीज को वार्ड में जाकर देख लें। जो परिजन पीपीई कीट पहनकर अंदर मिलने जा रहे थे,वे अपनी शील्ड निकाल देते,मास्क निकाल देते, चेहरा दिखाने के लिए लापरवाही बरत रहे थे। मरीज के काम में मुंह डालकर बोल रहे थे। कुछ ऐसे रहते जो पांच मिनिट की जगह आधा घण्टा तक बाहर नहीं निकलते। इसीलिए सख्ती की जा रही थी।

 

कलेक्टर को बताया तो उन्होंने दिए आदेश

जब कलेक्टर को घटनाक्रम बताया गया तो उन्होने सख्त निर्देश दिए कि अब मरीजों से परिजनों को मिलने नहीं दिया जाए। हॉस्पिटल प्रबंधन मरीज के स्वास्थ्य की अपडेट उनके परिजनों को मोबाइल फोन पर दें। एक कोरोना मरीज के परिजन पीपीई कीट पहनकर वार्ड में मरीज को देखने गए। परिजन बाहर गए और वही पीपीई कीट अपने परिवार के सदस्य को दे दी। जबकि नियम है कि पीपीई कीट को वार्ड से बाहर निकलकर डिस्पोज करना होती है क्योंकि वह संक्रमित हो चुकी रहती है। यह बात बताने के बाद भी परिजनों ने लापरवाही बरती और एक ही पीपीई कीट पहनकर चार लोग अंदर हो आए। वे चारों पॉजीटिव्ह आ गए। अब वे भी अपने मरीज के साथ उपचार ले रहे हैं। यही कारण है कि कलेक्टर ने अब वार्ड में जाकर मिलने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

 

हमें जानकारी नहीं: सीएमएचओ

इस संबंध में चर्चा करने पर सीएमएचओ डॉ. महावीर खण्डेलवाल ने बताया कि उनके पास न तो कलेक्ट्रेट से ऐसा कोई आदेश आया है और न ही मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने जानकारी दी है। यदि ऐसा है तो वे जानकारी लेंगे।

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