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जरा याद करो बर्बादी
पड़ोसी जिले इंदौर में चार दिन में 528 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और चार लोगों की मौत भी हुई है। इन आंकड़ों से चिंतित वहां के प्रशासन व स्वास्थ अमले ने 100 रोगियों के सैंपल दिल्ली भेजे हैं यह पता लगाने के लिए कि कहीं कोई नया स्ट्रेन तो नहीं? लेकिन बात ये ही सामने आ रही है कि लोगों में लापरवाही बढ़ने से कोरोना फिर फैलने लगा है। इन परिस्थितियों के बीच डॉक्टर्स ने चेताया है कि उज्जैनवासी भी संभल जाएं। क्योंकि बगैर मास्क के घूमने वाले और रैलियों व सार्वजनिक कार्यक्रमों की भीड़ यहां भी संक्रमण व बीमारी बढ़ा सकती है।
उज्जैन की ही तरह इंदौर में भी कोरोना कंट्रोल में हो रहा था। लेकिन इसी बीच 18 फरवरी गुरुवार को वहां एक साथ 126 पॉजिटिव आए। 100 से पार का यह आंकड़ा इंदौर में 40 दिन बाद आया था। इसके बाद शुक्रवार को 131, शनिवार को 135 और रविवार को 136 पॉजिटिव आए। इस बीच चार लोगों की मौत भी हुई। ये सिलसिला अभी भी जारी है। बता दें कि इसके पहले व शुरुआती दौर में भी जब इंदौर में कोरोना पॉजिटिव रोगियों की संख्या बढ़ने लगी थी तो उज्जैन में भी तेजी से बीमारी फैली थी।
एक वक्त था तब उज्जैन में हालात बेकाबू हो चुके थे। बाद में मुश्किल से हालात काबू में आ पाए व लोगों को बाहर घूमने-फिरने की छूट मिलने लगी। लेकिन इस छूट में लोग ज्यादा ही बेपरवाह नजर आ रहे हैं। ऐसे में आशंका बनी हुई कि उज्जैन में भी फिर से कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा बढ़ सकता है।
दो दिन में आई 281 रिपोर्ट में से 17 लोग पॉजिटिव
शहर और जिले में संक्रमण का असर कम-ज्यादा हो रहा है। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार रविवार को 208 लोगों की रिपोर्ट आई थी। इसमें 14 पॉजिटिव मिले थे। सोमवार को लैब से 73 लोगों की रिपोर्ट आई है, जिनमें चार लोग संक्रमित पाए गए हैं तथा 69 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। एक मरीज स्वस्थ होकर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद अपने घर पहुंचा है। स्वस्थ होने वाले मरीज बढ़कर 5071 हो गई है। एक्टिव मरीज 60 हो गए हैं। अब तक 5234 मरीज संक्रमित हो चुके हैं। अभी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
बेपरवाह लोग- 100 में से 80 लोगों ने मास्क लगाना छाेड़ा
लोगों में सबसे बड़ी लापरवाही बगैर मास्क के घूमने-फिरने की देखी जा रही है। चौराहे व सड़कों पर खड़े रहकर आकलन करें तो वहां से गुजरने वाले 100 में से 18-20 लोग भी बमुश्किल ही सही तरीके से मास्क पहने निकल रहे हैं। कुछेक केवल कान में मास्क को लटकाए घूम रहे हैं। उससे मुंह व नाक नहीं ढंक रहा है।
यह जरूरी– या तो लोग स्वैच्छा से मास्क पहने या फिर प्रशासन बगैर मास्क वालों पर पुन: चालानी कार्रवाई शुरू करे।
कार्यक्रमों में गाइडलाइन का पालन नहीं
सार्वजनिक व भीड़ वाले कार्यक्रमों में भी कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। अधिकांश लोग बगैर मास्क व एक-दूसरे से डिस्टेंसिंग मेंटेन किए बगैर कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। संक्रमण को बढ़ावा देने के लिए ये हालात जोखिमभरे हैं।
यह जरूरी- बगैर अनुमति के ऐसे आयोजन नहीं हो पाए। जहां हो रहे वहां प्रशासन को गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाने की जरूरत है।
एक्सपर्ट व्यू… इंदौर से दूरी कम, जल्दी फैलेगा संक्रमण
सवाल – इंदौर में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं तो क्या उज्जैन में भी आशंका है?
जवाब- बिल्कुल है। पहले दौर में भी इंदौर में ही केस बढ़े थे बाद में उज्जैन में बढ़ने लगे। दोनों जिलों में दूरी ज्यादा नहीं है। संक्रमण फैलते देर नहीं लगेगी।
सवाल – क्या वजह है कि केस बढ़ने लगे हैं।
जवाब– लाेग लापरवाह हो रहे हैं। उज्जैन में तो लोग ऐसा सोच रहे हैं जैसे कि कोरोना चला गया। मास्क नहीं पहन रहे हैं। रैली सहित भीड़ के कार्यक्रम हो रहे हैं। जिनमें ना तो मास्क का ध्यान रखा जा रहा है ना ही एक-दूसरे से दूरी का। संक्रमण तो फैलेगा ही।
सवाल – क्या करें कि संक्रमण फैलने से रुके?
जवाब– नया कुछ नहीं करना है। पहले की तरह मास्क पहनें, हाथों को धाेते रहें और एक-दूसरे से उचित दूरी बनाए रखें। भीड़ वाले कार्यक्रमों में जाने से बचें।
नोट:- जवाब कोरोना के नोडल अधिकारी
डॉ. एचपी सोनानिया के मुताबिक।