जल यात्रा से जगाया शिप्रा नदी संरक्षण का अलख

जल संकट और उससे निपटने के उपायों पर चर्चा, तीन दिन तक चलेगा कार्यक्रम

उज्जैन। प्यासी धरती करे पुकार, पेड़ लगाकर करें उद्धार। कुछ इस तरह के नारे आज शहर के क्षीरसागर स्टेडियम में देखने को मिले। दरअसल आज यहां से जल-जन जोड़ो अभियान के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली। इस दौरान जल संरक्षण की बात की गई और शिप्रा नदी के संरक्षण को लेकर मंथन किया। जल संरक्षण लेकर जल यात्रा भी निकाली गई। जिसमें माधव विज्ञान महाविद्यालय, विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने भागीदारी की। साथ ही रोटरी क्लब के पदाधिकारियों और सदस्यों ने भी भाग लिया। यह जल यात्रा क्षीरसागर स्टेडियम से शुरू होकर नृसिंह घाट स्थित झालरिया मठ पर पहुंचकर समाप्त हुई। झालरिया मठ में आयोजित हुए कार्यक्रम में जल संरक्षण और संवर्धन को लेकर मंथन किया गया।

 

लघु फिल्म दिखाकर दिया जलसंरक्षण का संदेश
इस दौरान शिप्रा नदी के जल का पर्याप्त न होने को लेकर जल संकट और उससे निपटने के उपायों पर अलग-अलग सत्रोंं में चर्चा की गई। यही नहीं इस दौरान जल संरक्षण को लेकर लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम में 17 दिसंबर को नदी को पुर्नजीवित करने के लिए सरकार व समाज का भागीदारी पर परिचर्चा होगी। मामले में अभियान के अभिनव आशीष ने बताया कि विभिन्न सत्रों में जल संरक्षण को लेकर चर्चा की गई। 17 दिसंबर को तालाबों का अस्तित्व एवं इनकी संस्कृति पर चर्चा की गई।

साथ ही जिन तालाबोंं का अस्तित्व खतरे में है और जो विलुप्त की कगार पर हैं उन्हें लेकर विलुप्त होते तालाब और इनका दुषप्रभाव विषय पर मंथन किया जाएगा। कार्यक्रम 18 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें नदी पुर्नजीवन और जल संरक्षण के सफल प्रयासों पर भी चर्चा होगी। समारोह के शुभारंभ अवसर पर जल क्रांति के अग्रदूत राजेंंद्र सिंह प्रमुख अतिथि के रुप में उपस्थित थे। जल जन जोड़ो अभियान के संयोजक संजय सिंह कार्यक्रम मे विशेषतौर पर मौजूद रहे

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