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जहां पिता सहायक केंद्राध्यक्ष उसी केंद्र पर बेटे ने दी परीक्षा
उज्जैन :- शासकीय माधव कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में परीक्षा अधिनियम के नियमों की अनदेखी सामने आई है। जिस केंद्र में सहायक प्राध्यापक पिता को सहायक केंद्राध्यक्ष बनाया गया, उसी केंद्र पर उनके बेटे ने परीक्षा दी।
परीक्षा अधिनियम के अंतर्गत परीक्षा ड्यूटी करने वाले किसी भी व्यक्ति का सगा-संबंधी या रक्त संबंधी उस केंद्र पर परीक्षा नहीं दे सकता। अगर किन्हीं आपात स्थितियों में ऐसी व्यवस्था भी की जाती है तो उसकी सूचना यूनिवर्सिटी को भेजना चाहिए। इधर माधव कॉलेज में इन दिनों एमए, एम.कॉम आैर एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम के विभिन्न सेमेस्टर की परीक्षाएं चल रही हैं, जिसका केंद्राध्यक्ष भूगोल विभाग के प्रोफेसर डॉ. विक्रम वर्मा एवं सहायक केंद्राध्यक्ष भी भूगोल विभाग के ही डॉ. आरआर गोरास्या को बनाया गया है। हैरानी वाली बात यह है कि इसी केंद्र पर डॉ. गोरास्या के बेटे जितेंद्र ने एमए की परीक्षा भी दे दी। उनके पुत्र ने चित्रकला विषय में चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा दी है। इसके अलावा परीक्षा में एक ही विषय के तीन प्राध्यापकों की ड्यूटी भी लगाई गई। एक स्थाई वीक्षक भी भूगोल विषय से ही संबंधित हैं। इस मामले में अब कॉलेज प्रबंधन कुछ कहने को तैयार नहीं है।
मैं कंट्रोल रूम में ही रहता हूं
*मेरे बेटे की परीक्षा हो चुकी है। मैं सहायक केंद्राध्यक्ष हूं लेकिन परीक्षा के दौरान मैं कंट्रोल रूम में ही रहता हूं। परीक्षा हॉल में नहीं जाता। पक्षपात जैसी कोई बात ही नहीं है। – डॉ. आरआर गोरास्या, सहायक केंद्राध्यक्ष,
*नियमानुसार परीक्षा में अगर किसी प्राध्यापक के परिजन शामिल होते हैं तो उन्हें बिना पूर्व सक्षम स्वीकृति के परीक्षा दायित्व का निर्वहन नहीं करना चाहिए। – डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा, कुलानुशासक, विक्रम यूनिवर्सिटी