जुलाई में स्कूल खोलना बच्चों के लिए असुरक्षित, वे कोरोना संक्रमण से खुद को नहीं बचा सकते

उज्जैन. प्राचार्य,प्राध्यापक, शिक्षक, समाजसेवी, संगीतज्ञ, इंजीनियर और ऐसे ही अन्य विषयों से जुड़ी विदूषी महिलाओं ने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय कोरोना संक्रमण समाप्त होने के बाद ही खोलने की सिफारिश की है। ऑनलाइन परिचर्चा में उन्होंने कहा बच्चे संक्रमण से स्वयं को बचाने में सक्षम नहीं हैं। न ही ऐसे इंतजाम किए जा सकते हैं कि उन्हें संक्रमित होने से बचाया जा सके। मामले में स्कूल शिक्षा विभाग को विशेषज्ञ स्तर पर मंथन करने के बाद निर्णय लेना होगा। भारतीय शिक्षण मंडल मालवा ने इस डिजिटल परिचर्चा का आयोजन किया था।

इसमें धार, रतलाम, इंदौर, देवास, नीमच और उज्जैन की विशेषज्ञ महिलाओं ने भाग लिया। परिचर्चा के दौरान बच्चों को कहां किस तरह संक्रमण का खतरा हो सकता है, बचाव के लिए क्या तरीके अपनाए जा सकते हैं और बच्चे कितने सुरक्षित हैं, इन मुद्दों पर चर्चा की। महिलाओं का कहना था घर से बाहर निकलते ही बच्चों के लिए प्रतिबंधों का पालन मुश्किल हो जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन का सुझाव है 10 साल से कम उम्र के बच्चों को संक्रमण का खतरा है। ऐसे में बच्चों के स्कूल खोलने की तारीख बढ़ाई भी जाती है तो कोई आपत्ति नहीं है।

 

स्कूलों में ऐसी सुविधाएं नहीं कि बच्चों का बचाव हो सके

धार की संगीतज्ञ डाॅ. कीर्ति शर्मा ने कहा प्राथमिक विद्यालय नहीं खोलना चाहिए। इस स्तर के विद्यार्थी किसी भी स्थिति में प्रतिबंधों का पालन नहीं कर सकते। नीमच की मनोविज्ञानी व लेखिका रश्मि ओझा ने कहा- कई स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के लिए एक ही शिक्षक होता है। क्लास रूम छोटे होते हैं। एक आॅटो, वैन या बस में सोशल डिस्टेंसिंग कैसे होगी। ऊपरी माले पर जाने के लिए रैलिंग छूकर जाना पड़ेगा। जहां पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है, वहां बार-बार हाथ धोना कैसे संभव होगा। धार की समाजसेवी प्रज्ञा बैरागी ने कहा पीपीई किट संक्रमण नहीं रोक पा रही तो मास्क, सैनिटाइजर या सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर हम बच्चों की सुरक्षा का दावा नहीं कर सकते हैं।

लोति स्कूल में अंग्रेजी की प्राध्यापक डाॅ. ममता त्रिवेदी का कहना था घर के बाहर निकलते ही बड़ों को संक्रमण हो रहा है तो बच्चे कैसे सुरक्षित रहेंगे। गृहिणी कविता शर्मा कहती हैं- बच्चे घर में मास्क नहीं पहनते, स्कूल में कैसे पहनेंगे। पराविज्ञान विशेषज्ञ उषा मिश्रा ने कहा सुरक्षा के लिहाज से संक्रमण समाप्त हुए बिना स्कूल खोलना खतरे से खाली नहीं है। रतलाम के टेक्नॉलॉजी इंस्टीट्यूट की प्राचार्य- डाॅ. गीतांजलि उपाध्याय ने कहा छोटे बच्चों के दीपावली तक स्कूल बंद रखना चाहिए।

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