- वैष्णव तिलक, मावे और भांग के सजे बाबा महाकाल, मस्तक पर लगाया त्रिपुंड
- सिंगर प्रीतम चक्रवर्ती ने किए बाबा महाकाल के दर्शन, कहा- आशीर्वाद रहा तो यहां बार-बार यहां आना चाहूंगा
- पिछले महीने हैदर शेख से बने थे हरिनारायण, अब बाबा महाकाल के दरबार में लगाई हाजिरी
- भस्म आरती में रुद्राक्ष, फूलों और मुंड माला से सजे भोले बाबा, मंदिर में गूंजा जयश्री महाकाल
- भस्मारती में भगवान गणेश स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, भक्तों को दिए दर्शन
ज्यादा फीस की शिकायत की ताे मंत्री बाेलीं- प्राइवेट स्कूलाें में भर्ती हाेना ही बंद कर दाे
प्रायवेट स्कूलाें द्वारा ज्यादा फीस लेने की शिकायत करने पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने शुक्रवार काे कहा कि प्राइवेट स्कूल में भर्ती हाेना बंद कर दाे, इनकी दुकानें अपने आप बंद हाे जाएगी। उन्हाेंने यह बात कलेक्टाेरेट परिसर में एबीवीपी के नेतृत्व में धरने पर बैठ कर नारेबाजी कर रहे छात्र व अभिभावकाें से कही। दरअसल एबीवीपी के पदाधिकारी विद्यार्थी और अभिभावकाें के साथ कलेक्टाेरेट में नारेबाजी करते हुए समस्या बताने आए थे। आवेदन लेने के लिए एसडीएम प्रदीप साेनी आए ताे विद्यार्थियाें ने इनकार कर दिया। वे कलेक्टर चंद्रमाैली शुक्ला काे आवेदन देना चाहते थे।
कलेक्टर के नहीं आने पर कलेक्टाेरेट परिसर में ही धरने पर बैठ गए। नारेबाजी करने लगे। कुछ ही देर में कलेक्टोरेट में अंदर से पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, कलेक्टर शुक्ला, विधायक गायत्रीराजे पवार बाहर आए। वे अंदर एक कार्यक्रम में उपस्थित थे।
छात्राें काे जमीन पर बैठा देख मंत्री उनके पास पहुंची। एबीवीपी छात्र संगठन के राजवर्धन यादव ने आवेदन का वाचन कर मंत्री काे दिया। एक छात्र ने ठाकुर काे फीस की पर्ची हाथ में देते हुए कहा, देखाे प्राइवेट स्कूल वाले काेराेनाकाल में भी इतनी फीस ले रहे हैं। मंत्री ने कहा सरकारी स्कूलाें में कितनी अच्छी पढ़ाई चल रही हैं। प्राइवेट स्कूल में भर्ती हाेना बंद कर दाे, इनकी दुकानें अपने आप बंद हाे जाएंगी। स्कूल वालाें से कहाे अभी ताे एडमिशन दाे फीस जमा नहीं हाेने पर रिजल्ट मत देना।
फीस नहीं दी इसलिए छात्राें काे ऑनलाइन कक्षा से वंचित रखा जा रहा
नगरमंत्री राजवर्धन यादव ने बताया कोरोनाकाल में समाज का प्रत्येक वर्ग प्रभावित हुआ है। अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए निजी विद्यालय द्वारा शुल्क के लिए अनावश्यक दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए। फीस के अभाव में ऑनलाइन कक्षाओं से वंचित रखा जा रहा है, ऐसा नहीं हाेना चाहिए।