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दर्दभरा अंत:ये कैसा वज्रपात? एक सप्ताह में पूरा परिवार खत्म हो गया
शहर के सेठीनगर के समीप आदर्श विक्रमनगर निवासी शासकीय शिक्षिका, उनके बिजली विभाग से सेवानिवृत्त पति और जवान बेटी की कोरोना से मौत हो गई। महज एक सप्ताह के भीतर पूरा परिवार ही खत्म हो गया।
घर की देखरेख तक करने वाला कोई नहीं बचा, जिसके बाद उज्जैन निवासी रिश्तेदार ने नीदरलैंड से बेटी, दामाद के आने तक सिक्यूरिटी गार्ड तैनात कराया। ये दर्दभरा अंत है आदर्श विक्रमनगर निवासी संतोष कुमार जैन, उनकी पत्नी मंजुला जैन और 26 साल की बेटी आयुषी का। तीनों एक के बाद एक कोरोना संक्रमित हो गए थे।
रिश्तेदार भी हैं संक्रमित… इसलिए आखिरी समय में कोई आ भी नहीं पाया
3 अप्रैल को जैन के पिता का देवास में निधन हो गया था। अंतिम संस्कार से लौटने के बाद सबसे पहले 8 अप्रैल को उनकी पत्नी मंजुला जैन को बुखार आया। जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया लेकिन दो दिन बाद 10 अप्रैल को मंजुला का निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार के बाद संतोष जैन की तबीयत खराब हुई। इसके बाद पिता व बेटी ने सैंपल दिया तो दोनों पॉजिटिव थे। जैन को यहीं निजी अस्पताल में जगह मिल गई जबकि बेटी को देवास के अस्पताल में भर्ती किया। इस बीच 16 अप्रैल को जैन का निधन हो गया।
यह पता चलते ही अस्पताल में भर्ती बेटी भी हिम्मत हार गई और 19 अप्रैल को उसने भी दम तोड़ दिया। तीनों का प्रशासन ने ही कोरोना गाइड लाइन से अंतिम संस्कार कर दिया क्योंकि उनके देवास में निवासरत भाई व अन्य रिश्तेदार भी संक्रमित बताए गए हैं।
5 महीने पहले ही बेटी की शादी की थी…
संतोष कुमार जैन बिजली कंपनी से कुछ समय पहले ही सेवानिवृत्त हुए थे। जबकि उनकी पत्नी मंजुला हरिफाटक क्षेत्र में स्थित शासकीय स्कूल में शिक्षिका थीं। परिचितों ने बताया कि जैन दंपती की दो बेटियां हैं। एक शादी के बाद नीदरलैंड में रहती है।
5 महीने पहले ही बेटी की शादी की थी…
दूसरी बेटी आयुषी की पांच महीने पूर्व दिसंबर में ही देवास में शादी की थी। वर्तमान में वह मायके में माता-पिता के पास थी। संक्रमित होने के बाद संभवत: माता-पिता की मौत से वह भी टूट गई और जान नहीं बची।
दोस्त भी बीमार : बोले 35 साल पुरानी दोस्ती थी, मैं तो पूरे समय खड़ा रहा पर सबको खो दिया दोस्त ने सोशल मीडिया पर लिखा- चले जाने के बाद ख्याल नहीं करता, जो हर रोज लड़ता था मुझसे, वो अब कोई सवाल नहीं करता। मैं मिटता जा रहा हूं उसकी यादों में और मुझसे बिछड़ने का मलाल नहीं करता।
संतोष कुमार जैन के सबसे अजीज मित्र सूर्यनारायण भदौरिया ने सोशल मीडिया पर जैन को लेकर मार्मिक पोस्ट डाली है। वे बोले 35 पुरानी दोस्ती थी। सबसे पहले भाभी संक्रमित हुई थीं, हम अस्पताल में बेड के लिए भटके। किसी तरह चरक अस्पताल में एक बेड मिल भी गया, लेकिन भाभी नहीं बची। उसके बाद संतोष और उनकी बेटी आयुषी संक्रमित हो गए। इसी बीच मेरी तबीयत बिगड़ी जिसके बाद से खुद को होम क्वारेंटाइन किए हूं। बहुत दु:खद है, मेरे दोस्त और उसकी पत्नी व बेटी तक को कोरोना निगल गया।