दुर्घटना/आत्महत्या के मामलों में संदिग्ध होने पर करानी होगी फोरेंसिक जांच

ICMR की गाईड लाइन का अध्ययन कर पालन उसके पालन के लिए जारी करेंगे निर्देश : एसपी
उज्जैन। आयसीएमआर (इण्डियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च)द्वारा वैश्विक परिप्रेक्ष्य में आनेवाले तथ्यों के आधार पर अपनी गाईड लाइन में परिवर्तन लगातार किया जा रहा है। अब यह निर्देश भी दिए गए हैं कि यदि कोई आत्महत्या,दुर्घटना का मामला आता है तो शव की फोरेंसिक जांच करवाई जाए तथा उसकी हिस्ट्री कोविड-19 संदिग्ध मालूम पड़ती है तब तमाम सावधानियां रखी जाए,ताकि पुलिस,चिकित्सक,स्वास्थ्यकर्मी और अन्य कर्मचारी जोकि शव को दाह/दफनाने जाएं,संक्रमित न हो।
गाईड लाइन में उल्लेख है कि यदि पुलिस 174(3)(4)सीआरपीसी के अनुसार यह मानती है कि मृत्यु का कारण संदिग्ध है, या 174 (3)(वी)के अनुसार ऐसा मानती है कि मामला संदिग्ध है तो सिविल सर्जन की जानकारी में लाकर सुरक्षित तरीके से शव परीक्षण करवाया जा सकता है। सामान्य शव परीक्षण में इतनी सावधानी नहीं रखी जाती है। गाईड लाइन के अनुसार यह स्पष्ट है कि यदि मृतक कोरोना संदिग्ध है,तो उसका शव परिजनों को सौपने का निर्णय पुलिस करेगी अथवा उसके अंतिम संस्कार को लेकर कोविड-19 के तहत जारी नियमों का पालन कराया जाएगा। ऐसा न होने पर संक्रमण अत्यधिक तेजी से कर्मचारियों,परिजनों तक फैलने का खतरा रहेगा। अभी कोरोना पॉजीटिव्ह या शव को रैपर किया जाता है और हॉस्पिटल से सीधे चक्रतीर्थ भेज दिया जाता है।
ऐसे मामलों में पुलिस ओर सिविल सर्जन को यह सावधानी रखना होगी कि यदि कोरोना पॉजीटिव्ह है तो ठीक वरना संदिग्ध होने पर लक्षण आधारित फोरेंसिक जांच के बाद शव को आयसीएमआर के निर्देशों के तहत पैक करके दी गई सावधानी अपनाना आवश्यक है। निर्देशों के अनुसार ऐसे मामलों में शव को डबल पैकिंग करके रिसाव प्रूफ बनाना होगा। ताकि संक्रमण रोका जा सके। इन मामलों में शव की पहचान के लिए शव को इसप्रकार से पैक किया जाना है,जिससे उसके चेहरे को पारदर्शी कवच से ढंका जाए ओर परिजन चेहरा देख सके।
आज दोपहर की मिटिंग में इस पर चर्चा होगी: एसपी
इस संबंध में चर्चा करने पर एसपी मनोजकुमार सिंह ने कहा कि आयसीएमआर की गाईड लाइन का पूरा अध्ययन जिले के पुलिस विभाग ने किया,ऐसा मैरे आगमन के बाद मुझे स्पष्ट नहीं है। आज दोपहर में कंट्रोल रूम पर अधिकारियों की होने वाली बैठक में इस बात पर चर्चा करूंगा और गाईड लाइन का अध्ययन करके निर्देश दूंगा, ताकि आत्महत्या और सड़क दुर्घटना में परिजनों से स्वास्थ्य को लेकर चर्चा की जा सके और उसके बाद संदिग्ध मामला होने पर सिविल सर्जन को सूचित करके सावधानीपूर्वक फारेंसिक पोस्टमार्टम करवाएं। ताकि संक्रमण से सभी को बचाया जा सके।