दो माह में दूसरी बार बालगृह से भागे बच्चे; 12 घंटे बाद भी नहीं मिले

उज्जैन | देवासरोड लालपुर के बालगृह से दो महीने में दूसरी बार बच्चों के भागने की घटना सामने आई है। गुरुवार सुबह 5 बजे बालगृह से चार बच्चे फरार हो गए। एक घंटे बाद अन्य बच्चों ने ही इस बारे में मौजूद कर्मचारियों को बताया तो हड़कंप मच गया। बालगृह वाले दिनभर मामले को छुपाते रहे व नागझिरी थाने पर भी शाम 5 बजे तक पुलिस को सूचना नहीं दी। चाइल्ड लाइन वालों को भी शाम को अवगत कराया।

दो माह पूर्व बालगृह के पांच बच्चे खिड़की का रैलिंग काटकर भाग निकले थे, जिन्हें सूचना पर नागझिरी पुलिस विक्रमनगर स्टेशन से लेकर आई थी। इस घटना के बाद बालगृह में फिर एक साथ चार बच्चों के भागने की लापरवाही सामने आई है। 8 से 14 साल की उम्र के चार बालक गुरुवार सुबह पांच बजे फरार हो गए। सुबह छत के रास्ते रस्सी बांधकर भागने की बात सामने आई थी लेकिन बालगृह की अधीक्षिका मधुमति सिरोले ने इस बात से इंकार करते हुए बताया कि संभवत: लोहे का मुख्य गेट का ताला खुला रह गया इसी कारण बच्चे मौका पाकर निकल गए। बालगृह में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। उनके बारे में पूछने पर अधीक्षिका ने बताया कि कैमरे के वायर कटे हुए हैं, पता करवा रहे हैं। उन्होंने कहा दो बच्चे नागझिरी व दो फ्रीगंज कुष्ठ बस्ती के रहने वाले हैं। भागकर वे घर वालों के पास ही गए होंगे पता करवा रहे हैं। इधर नागझिरी पुलिस से शाम पांच बजे घटना को लेकर पूछे जाने पर थाने वालों ने बताया कि बालगृह से इस प्रकार की कोई सूचना नहीं मिली है।

गुरुवार को परिजनों के पास भेजने वाले थे बच्चों को

चाइल्ड लाइन केंद्र समन्वयक नरेन्द्रसिंह सेंगर ने बताया कि चार बच्चों में दो फ्रीगंज स्थित कुष्ठ बस्ती के है। 20 नवंबर को रेलवे स्टेशन पर लावारिस हालत में वे मिले थे, जिन्हें बालगृह भिजवा दिया था और गुरुवार को बाल कल्याण समिति की मीटिंग में बच्चों के संदर्भ में निर्णय लेकर उन्हें परिजनों के हवाले करने वाले थे। मुझे भी शाम को ही बच्चों के भागने की जानकारी मिली।

रात में दो जवान, दो कर्मचारी व गेट पर ताला, फिर कैसे लापरवाही

बालगृह की अधीक्षिका मधुमति सिराेले का कहना है कि संभवत: मुख्य गेट का ताला खुला रहने से बच्चे भागे। जबकि यह संभव नहीं है। रोज रात में बाल गृह में चपरासी मनोज बैरागी व चौकीदार हीरालाल के अलावा होमगार्ड सैनिक चिमन व शंकरलाल तैनात रहते है। रात 8.30 बजे ममता मालवीय व उसका पुत्र रसोई से खाना बनाकर निकलते हैं उसके बाद गेट पर ताला लग जाता है। इसके बावजूद भी अगर बच्चे निकल भागे तो फिर सवाल यह उठता है कि छत पर चढ़कर कैमरे का वायर किसने काटा। महिला सशक्तिकरण अधिकारी शाबीर एहमद सिद्धीकी ने कहा महिला बाल आयोग अध्यक्ष के साथ भैरवगढ़ जेल के निरीक्षण में था, इस कारण घटना की जानकारी नहीं, पता करवाता हूं।

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