नए विश्व रिकॉर्ड की तैयारी:महाशिवरात्रि पर रामघाट पर एक साथ जलेंगे 21 लाख दीये, वैदिक घड़ी का लोकार्पण भी

महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 को उज्जैन में 21 लाख दीये जला कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने का फैसला किया गया है। पिछली महाशिवरात्रि 1 मार्च को शिप्रा तट रामघाट पर 11.71 लाख दीये जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। 22 मार्च को विश्व की पहली वैदिक घड़ी का लोकार्पण भी होगा।

शिव के प्रिय महाशिवरात्रि पर्व को उज्जैन में शिव-विवाह पर्व के रूप में मनाने की परंपरा है। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में इस मौके पर शिव नवरात्र का आयोजन भी होता है। महाशिवरात्रि पर महाकालेश्वर के दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालुओं का आना होता है। इस दिन पूरा शहर शिवमय रहता है।

राज्य शासन ने 2022 की महाशिवरात्रि को महामहोत्सव के रूप में मनाते हुए इस दिन शिप्रा के रामघाट पर 11.71 लाख दीये एक साथ प्रज्जवलित कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।

इसके बाद अक्टूबर में दीपावली पर अयोध्या में 15.57 लाख दीये जलाकर उज्जैन के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा गया। अब आने वाली महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 को उज्जैन में 21 लाख दीये जला कर अयोध्या के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने का फैसला लिया गया है।

महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 से वर्ष प्रतिपदा 22 मार्च तक नगर में विक्रमोत्सव होगा। 18 फरवरी महाशिवरात्रि पर शिप्रा नदी रामघाट एवं अन्य घाटों पर 21 लाख दीये लगाकर शिव दीवाली मनाई जाएगी। इसके माध्यम से अयोध्या के 15.76 लाख दीये जलाने के विश्व रिकॉर्ड को तोड़कर नया विश्व रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज कराया जाएगा।

आयोजन को लेकर शुक्रवार को हुई बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने विक्रमोत्सव के आयोजनों को लेकर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ चर्चा की। कलेक्टर आशीष सिंह ने अधिकारियों को इस संबंध में तैयारी के निर्देश दिए। विश्व रिकॉर्ड के लिए गिनीज बुक से संपर्क करने को कहा।

यह भी तय किया कि आयोजन में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की बड़ी हस्तियों को आमंत्रित किया जाएगा। विक्रमादित्य शोधपीठ के संचालक श्रीराम तिवारी ने आयोजन के संबंध में जानकारी दी। प्रस्तावित कार्यक्रमों का अंतिम फैसला मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक में लिया जाएगा।

पुजारी-पुरोहितों का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन

20 फरवरी को विक्रमादित्य के महाकाल विषय पर पुजारियों-पुरोहितों का सम्मेलन भी होगा। 20-27 फरवरी तक मप्र के स्कूलों से चुने गए श्रेष्ठ नाट्य प्रस्तुतियों का प्रदर्शन होगा। 27 फरवरी को प्रदेश के चुने हुए पार्षदों व सरपंचों का सम्मेलन होगा। 21-27 फरवरी तक पुस्तक मेला लगेगा, जिसमें नई शिक्षा नीति, प्राच्य विषयों पर केंद्रित साहित्य, स्वाधीनता संग्राम पर केंद्रित पुस्तकें उपलब्ध होंगी। 25-27 फरवरी तक राष्ट्रीय वेद समागम होगा। 27-28 फरवरी को भजन मंडलियों की प्रतियोगिता होगी। 4-6 मार्च तक राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी, जिसमें सांस्कृतिक साहित्य व पुरातत्व तथा विक्रम संवत् कालगणना परंपरा पर मंथन होगा। 5 मार्च को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होगा। 5-11 मार्च तक राष्ट्रीय युवा महोत्सव होगा, जिसमें देश के प्रमुख निजी और सरकारी विवि की भागीदारी होगी। 14-22 मार्च तक सम्राट विक्रमादित्य, विक्रम संवत्, महर्षि सांदीपनि, चाणक्य, स्कंदगुप्त, आद्य शंकराचार्य, कर्ण, गोविंदा आदि नाट्य प्रस्तुतियां होंगी। इस दौरान विदेशों में प्रचलित रामायण, महाभारत की प्रस्तुतियां तथा नृत्य प्रस्तुतियां होंगी। 17-21 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह होगा, जिसमें भारतीय संस्कृति व पौराणिक विषयों पर केंद्रित फिल्में शामिल होंगी। 22 मार्च को विक्रमोत्सव का समापन, उज्जैन गौरव दिवस पर शिप्रा तट पर आतिशबाजी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। विक्रम पंचांग का लोकार्पण किया जाएगा। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण होगा।

विदेशी मेहमानों को आमंत्रित करेंगे
18 फरवरी को विक्रमोत्सव शुभारंभ पर विदेशी मेहमानों को आमंत्रित किया जाएगा। इनमें ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, इंडोनेशिया की धर्मगुरु पद्मश्री इंद्रा उदयाना, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति की पत्नी किम जुंग सूक, अमेरिका में पहली भारतीय उपराष्ट्रपति कमला हैरिस तथा कई विदेशी विद्वान शामिल हैं।

हस्तशिल्प और व्यापार मेला लगेगा
शिवरात्रि से गुड़ी पड़वा तक नगर में हस्तशिल्प और व्यापार मेला लगाया जाएगा। इसमें ग्रामोद्योग, मालवी व्यंजन, वन-औषधि सहित मालवा के अन्य उत्पाद शामिल होंगे। इस दौरान विभिन्न प्रदर्शनियां भी लगेंगी, जिनमें ऋषि वैज्ञानिक, विक्रम कालीन मुद्रा, पुराण और विक्रमादित्य, हनुमान आदि शामिल हैं।

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