निगम व पुलिस प्रशासन ने एक माह में 14 लाख का स्पॉट फाईन वसूला

पांच हजार लोगों को अस्थाई जेल की हवा खिलाई

49 व्यापारियों पर बिना अनुमति दुकान खोलकर व्यापार करने पर भी कार्रवाई

उज्जैन।कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के लिये प्रशासन द्वारा शहर में पहले सप्ताह में दो दिन फिर तीन दिन और उसके बाद संपूर्ण कोरोना कफ्र्यू लागू किया। इस अवधि में अति आवश्यक सेवाएं दवा, दूध, फल, सब्जी, किराना सामान की होम डिलेवरी को छूट भी दी गई, बावजूद इसके लोगों ने घरों से निकलकर, वाहनों पर सवार होकर सड़कों पर घूमना जारी रखा। ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की टीमों ने अलग-अलग कार्रवाई की। पिछले एक माह में पुलिस ने जहां 5000 लोगों को गिरफ्तार कर अस्थायी जेल की हवा खिलाई तो नगर निगम की टीमों ने 14 लाख रुपये का स्पॉट फाइन वसूला। शहर में कोरोना कफ्र्यू अब भी जारी है जिसका पालन कराने के लिये सभी विभागों की टीमें सड़कों पर अपनी-अपनी ड्यूटी कर रही हैं।

प्रशासन ने कोरोना कफ्र्यू के दौरान अस्पताल संबंधी कार्य, वैक्सीनेशन करवाने और अति आवश्यक कार्य होने पर ही घरों से निकलने की लोगों को अनुमति दी थी, लेकिन लोग सब्जी, फल खरीदने, किराना सामान खरीदने जैसे बहाने बनाकर घरों से वाहनों पर सवार होकर मुख्य मार्गों और बाजारों तक पहुंचे, यहां तक कि एक व्यक्ति को दवा खरीदना थी लेकिन उसके वाहन पर तीन लोग सवार थे। ऐसे लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर अस्थायी जेल पीजीबीटी कॉलेज परिसर में बंद किया और उनके खिलाफ धारा 188 के तहत प्रकरण भी दर्ज किया गया। पुलिस ने शहर के 14 प्रमुख चौराहों को चिन्हित कर फिक्स पाइंट बनाये हैं जहां 24 घंटे पुलिस अधिकारी और जवान ड्यूटी करते हुए कोरोना नियमों का पालन लोगों से करा रहे हैं। इन्हीं फिक्स पाइंटों पर प्रशासन व नगर निगम की टीमें भी पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई करती है। नगर निगम की टीम ने 7 हजार लोगों के खिलाफ स्पॉट फाइन लगाते हुए 14 लाख रुपये शुल्क वसूला। नगर निगम की टीम द्वारा की गई अब तक की कार्रवाई में बिना काम वाहनों से घूमने वाले, कोरोना नियमों का उल्लंघन और बिना मास्क घूमने वाले लोगों पर कार्रवाई भी शामिल है।

इनके अलावा प्रशासनिक अफसरों तहसीलदार, एसडीएम व एटीएम की टीमों ने पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर 15 अप्रैल से 18 मई तक शहर में बिना अनुमति दुकान खोलकर व्यापार करने वाले 49 लोगों पर कार्रवाई की। इस दौरान अफसरों ने दुकानें सील करने के साथ ही दुकान संचालक के खिलाफ धारा 188 के तहत थाने में प्रकरण भी दर्ज कराया। पुलिस ने होम कोरेंटाइन लोगों के घर पहुंचकर जांच अभियान भी चलाया जिसमें चेक किया गया कि कोरोना मरीज घर में ही मौजूद रहकर उपचार करवा रहे हैं अथवा यहां वहां घूम रहे हैं। पुलिस ने एक माह में 957 घरों पर चैकिंग की जिनमें से 44 कोरोना मरीज घर पर नहीं मिले उनके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत अलग अलग थाना क्षेत्रों में प्रकरण दर्ज किया गया।

अस्थायी जेल जाने वालों की कोरोना जांच शुरू, एक दिन में 90 की जांच
पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीमों ने कोरोना कफ्र्यू का पालन कराने के लिये लोगों की गिरफ्तारी, स्पॉट फाइन और वाहन जब्ती जैसे अभियान चलाये बावजूद इसके आज तक लोग नियमों का कड़ाई से पालन करने को तैयार नहीं हैं।

पुलिस ने अब कोरोना कफ्र्यू का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार कर अस्थायी जेल भेजने के बाद वहीं पर उनका कोरोना टेस्ट कराने का अभियान भी शुरू किया है। गुरूवार को पुलिस ने अस्थायी जेल में बंद 90 लोगों का कोरोना टेस्ट कराया जिनकी रिपोट आज शाम तक आयेगी। एएसपी अमरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस अभियान से दो फायदे होंगे क्योंकि अलग-अलग क्षेत्रों सहित ग्रामीण इलाकों के लोग भी कोरोना नियमों का उल्लंघन करते हुए वाहनों से सड़कों पर घूमते पकड़ा रहे हैं। इनकी एक प्रकार से रेण्डम कोरोना जांच होगी तो कोरोना मरीजों के आंकड़े और इनके बाजार में घूमने से फैलने वाले संक्रमण का भी पता चलेगा।

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