नृसिंह मंदिर में पहले दिन हवन और पाठ, कल जयंती पर प्रतिमाओं की पुनर्प्रतिष्ठा होगी

छोटा सराफा स्थित 150 साल पुराने नृसिंह मंदिर में जीर्णोद्धार के बाद प्रतिमाओं के पुनर्प्रतिष्ठा का उत्सव सोमवार से शुरू हो गया। वैष्णव संतों और आचार्यों की मौजूदगी में यज्ञ-हवन अनुष्ठान, पाठ के साथ उत्सव की शुरुआत हुई। बुधवार को नृसिंह जयंती के मौके पर प्रतिमाओं की पुनर्प्रतिष्ठा की जाएगी। यह मंदिर क्षेत्र में वैष्णव और अन्य संप्रदायों की आस्था का केंद्र है। माहेश्वरी समाज द्वारा संचालित मंदिर का पहली बार जीर्णोद्धार किया जा रहा है। मंदिर की तल मंजिल पर मंदिर का गर्भगृह आदि है।

ऊपरी दो मंजिलों पर प्रवचनधाम और संत अतिथि निवास बनाए जाना है। निर्माण कार्य के चलते भगवान की प्रतिमाओं को पास में ही स्थापित की थी। गर्भगृह का काम पूरा हो जाने से प्रतिमाओं को फिर से गर्भगृह में स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए तीन दिनी उत्सव की शुरुआत हुई है।

 

आज भी यज्ञ अनुष्ठान

यज्ञ-हवन के साथ पाठ और पूजन के अनुष्ठान किए जा रहे हैं। सोमवार को मंडलों का निर्माण किया गया। यज्ञवेदी भी बनाई गई। यजमानों के माध्यम से पूजन अनुष्ठान की शुरुआत हुई। उत्सव स्वामी कांताचार्य महाराज, स्वामी रंगनाथाचार्य, माधव प्रपन्नाचार्य व पुजारी रमेश व्यास के आचार्यात्व में उत्सव हो रहा है। मंगलवार को भी हवन-यज्ञ और अनुष्ठान होंगे।

 

पूर्णाहुति के पहले शोभायात्रा

बुधवार को नृसिंह जयंती है। सुबह मंदिर परिसर में भगवान की शोभायात्रा निकाली जाएगी। दोपहर में यज्ञ-हवन की पूर्णाहुति होगी। इसके बाद शाम को गोधुली बेला में भगवान नृसिंह-लक्ष्मी की नवशृंगारित प्रतिमाओं को पुनर्स्थापित किया जाएगा। उत्सव की शुरुआत होने पर मंदिर में कई भक्त अनुष्ठान के दर्शन के लिए पहुंचे जिन्हें गाइड लाइन से दर्शन कराए।

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