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पानी की तरह पसीना बहा रहा उज्जैन… नंबर 1 के लिए यह करना पड़ेगा 5 दिन
उज्जैन | सफाई की कसौटी पर हम कितने खरे उतरे, इसके इम्तिहान की घड़ी अब आ गई। महीनों की मेहनत कितनी सार्थक है इसका पैमाना अगले ५ दिन में तय होगा। गुरुवार अलसुबह स्वच्छता सर्वेक्षण २०१८ की दो सदस्यीय टीम शहर आएगी। पहले दो दिन स्वच्छता इंतजामों से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल होगी और फिर २४ व २५ फरवरी को मैदानी सर्वेक्षण होगा। इसके लिए अधिकृत कार्वी कंपनी के दिल्ली मुख्यालय से टीम को ऑनलाइन लोकेशन मिलेगी। तत्काल संबंधित पाइंट पर जाकर टीम सर्वे दर्ज करेगी।
पूरा अमला तैयारी में
शहरवासियों के लिए अगले ४-५ दिन बेहद अहम हैं। इस दौरान शहर में जो भी हालात बनेंगे उस हिसाब से ही देश में हमारी रैंकिंग तय होगी। ४००० नंबरों की कुल परीक्षा के लिए शहर को मुस्तैद रहना होगा। क्योंकि जैसा इन दिनों में घटित होगा वैसी ही हमारी शान देश के सामने
प्रस्तुत होगी। इधर आखिरी दिनों में निगम ने पूरी ताकत झोंक दी। महापौर-निगमायुक्त सहित पूरा अमला सर्वेक्षण संबंधी तैयारियों में जुटा रहा।
बेहतरी के लिए ये हुए कुछ खास जतन
-गीले-सूखे कचरे का पृथक संग्रहण, सैनेटरी नेपकीन का अलग निष्पादन।
-प्रसंस्करण प्लांट पर कचरे से जैविक खाद व फ्यूल तैयार करना।
-शहर की प्रमुख दीवारों व बस स्टैंड पर थ्रीडी पेंटिंग।
-व्यवसायिक क्षेत्रों में रात्रि सफाई व कचरा कलेक्शन।
-शहर के हर क्षेत्र में दो प्रकार के डस्टबिन व हर दुकान पर कूड़ादान।
-वेस्ट से बेस्ट की तर्ज पर कुछ रोड कॉर्नर पर खराब टायरों व आकर्षक पौधों से सजावट।
-नए पब्लिक टॉयलेट, यूरिनल व पुरानों का मेंटेनेंस।
-२५० से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों के बीच जागरूकता कैंपेनिंग।
-प्रमुख मार्गों व सार्वजनिक स्थलों पर डिवाइडरों की धुलाई व विशेष सफाई।
-निगमायुक्त सहित अमले का साइकिल पर अलसुबह भ्रमण व जनता की समस्याओं का समाधान।
-स्वच्छता सर्वेक्षण ब्रांडिंग व अलख जगाने पर काम।
-एनजीओ के जरिए नुक्कड़ नाटक व पोपट शो आदि कार्यक्रम।
ये है सर्वेक्षण का आधार, इन परिदृश्यों को करना है साकार
कुल अंक – ४०००
स्पर्धा कितने शहरों में – ४०४१
टीम रहेगी – ४ से ५ दिन
तमन्ना – ०१ नंबर आने
१ – १२०० अंक : शहर के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, व्यावसायिक क्षेत्र, सब्जी मंडी, घरेलू एरिया, पब्लिक व सामुदायिक टॉयलेट, कचरा प्रसंस्करण यूनिट आदि में सफाई स्थिति।
२ – १४०० अंक : सफाई संबंधी बुनियादी सेवाएं, जनसंख्या के मान से सफाई कर्मियों की संख्या व संसाधन, ओडीएफ की ताजा स्थिति, पिछले साल से कितने मूत्रालय-शौचालय बढ़े, काम में कोई नवाचार आदि।
३ -१४०० अंक : इसमें से ८०० अंक जनता के फीडबैक से तय होंगे। टीम किन्हीं २०० लोगों से छह प्रश्न आधारित सर्वे करेगी। शेष ६०० अंक स्वच्छता एप डाउनलोडिंग, शिकायत निवारण स्थिति, कैंपेनिंग, १९६९ पर दर्ज फीडबैक आदि।